मां की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर भी मरीजों की सेवा को दी प्राथमिकता
संवाद सहयोगी गंगोलीहाट बाजारवाद के इस दौर में चिकित्सा व्यवस्था का पूरी तरह से व्यवसायीकरण हा
संवाद सहयोगी, गंगोलीहाट: बाजारवाद के इस दौर में चिकित्सा व्यवस्था का पूरी तरह से व्यवसायीकरण हो गया है। समाज के हर वर्ग में व्यवसायिकता हावी हो रही है। इसके बावजूद समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो प्रशासनिक सेवा के साथ ही समाज सेवा में भी नि:स्वार्थ भाव से लगे हुए हैं। इन्हीं लोगों में से एक हैं गंगोलीहाट में तैनात उप्र के सहारनपुर निवासी संयुक्त मजिस्ट्रेट डॉ. सौरव गहरवार। एक प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ ही डॉ. गहरवार एमबीबीएस चिकित्सक भी हैं। उनके चिकित्सक होने का फायदा वर्तमान में गंगोलीहाट की जनता को बखूबी मिल रहा है। रविवार को उन्होंने स्थानीय सीएचसी में 64 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया।
गंगोलीहाट में तैनात संयुक्त मजिस्ट्रेट डॉ. सौरव गहरवार द्वारा प्रत्येक रविवार को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाउंड किया जाता है। रविवार को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए सुबह से ही दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से महिलाओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। इस बीच डॉ. सौरव गहरवार को दूरभाष पर उनकी माताजी का स्वास्थ्य खराब होने की सूचना मिली और उन्हें तत्काल अपने घर सहारनपुर को जाना था, मगर उन्होंने ऐसा न करते हुए पहले मरीजों को प्राथमिकता दी। सुबह 11 बजे से दोपहर ढाई बजे तक वह मरीजों का अल्ट्रासाउंड करते रहे। इस दौरान उन्होंने 54 गर्भवती महिलाओं व दस सामान्य महिलाओं के अल्ट्रासाउंड किए। इसके बाद वह अपनी माताजी के स्वास्थ्य का हाल जानने सहारनपुर को रवाना हुए। डॉ. गहरवार की मरीजों के प्रति सेवा भाव की सीएचसी के पूरे स्टॉफ समेत मरीजों ने भी सराहना की। अल्ट्रासाउंड कराने के लिए बेरीनाग, राईआगर, चौड़मन्या, जाड़ापानी, भेरंगपट्टी, बेलपट्टी आदि क्षेत्रों से महिलाएं पहुंची थीं। शिविर को सफल बनाने में डॉ. पवन कार्की, डॉ. शंकर दत्त सूंठा, डॉ. तनवीर आलम, डॉ. नसीमा बानो, प्रेमा देऊपा, हिमानी पांडे, नरेंद्र कुमार, रवींद्र वल्दिया, राजेंद्र उप्रेती आदि मौजूद ने सहयोग प्रदान किया।