रिवर राफ्टिंग में पहले दिन आइटीबीपी ने मारी बाजी
पिथौरागढ़ में भारत नेपाल सीमा पर काली और गोरी नदी के संगम स्थल जौलजीबी क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आगाज हो गया।
संवाद सूत्र, जौलजीबी (पिथौरागढ़) : भारत नेपाल सीमा पर काली और गोरी नदी के संगम स्थल जौलजीबी में राष्ट्रीय स्तर की रिवर राफ्टिंग प्रतियोगिता प्रारंभ हो गई है। प्रतियोगिता का शुभारंभ भारत तिब्बत सीमा पुलिस के डीआइजी और संयुक्त निदेशक पर्यटन ने किया। पहले दिन की प्रतियोगिता में आइटीबीपी के खिलाड़ियों का जलवा रहा।
काली और गोरी नदी के संगम पर डीआइजी आइटीबीपी आरएस चौहान और संयुक्त निदेशक पर्यटन विवेक चौहान ने संयुक्त रू प से किया। इस मौके पद दोनों ने कहा कि काली नदी रिवर राफ्टिंग के लिए उपयुक्त है। भविष्य में भी यहां पर इस स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। पहले दिन की प्रतियोगिता में भारत तिब्बत सीमा पुलिस की टीमों का जलवा रहा। बल की महिला और पुरु ष टीम प्रथम स्थान पर रहे
प्रतियोगिता के तहत जौलजीवी से पांच किमी दूर हंसेश्वर मठ तक राफि टंग की गई। पुरु ष वर्ग में आइटीबीपी प्रथम, बीएसएफ द्वितीय रही। महिला वर्ग में आइटीबीपी प्रथम और एसएसबी द्वितीय रही। प्रतियोगिता में 14 टीमें प्रतिभाग कर रही हैं। जिसमें आइटीबीपी की दो, एसएसबी की दो, भारतीय वायुसेना की एक, बीएसएफ की एक, दिल्ली पुलिस की एक, उत्त्तराखंड पुलिस की एक, केएमवीएन की एक, रियल एडवेंचर चम्पावत की एक, ऋषिकेश की एक सहित अन्य एडवेंचर गु्रपों की टीम शामिल हैं। प्रतियोगिता से पूर्व सभी खिलाड़ियों को हिमालय बचाओ अभियान के तहत केएमवीएन प्रबंधक दिनेश गुरु रानी ने शपथ दिलाई और एक पौधा धरती मां के नाम अभियान के तहत नदी किनारे पौधरोपण किया।
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काली नदी राफ्टिंग के लिए अनुकूल
काली नदी में आयोजित रिवर राफ्टिंग में शामिल खिलाड़ियों ने राफ्टिंग के बाद काली नदी को रिवर राफ्टिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया। खिलाड़ियों का कहना था कि नदी में काफी अधिक जल है। इसका बहाव राफ्टिंग के अनुकूल है। इसमें राफ्टिंग करना रोमांचकारी है। क्षेत्र दुर्गम है परंतु यहां पर रिवर राफ्टिंग का एक अलग आनंद है। भविष्य में भी यहां पर होने वाली राफ्टिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे।