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दो वर्ष पूर्व बने शौचालयों की नहीं मिली प्रोत्साहन राशि

संवाद सूत्र, बेरीनाग: स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण में जिला ओडीएफ घोषित कर दिया

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 11:00 PM (IST)
दो वर्ष पूर्व बने शौचालयों की नहीं मिली प्रोत्साहन राशि
दो वर्ष पूर्व बने शौचालयों की नहीं मिली प्रोत्साहन राशि

संवाद सूत्र, बेरीनाग: स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण में जिला ओडीएफ घोषित कर दिया गया है, परंतु दो वर्ष पूर्व ग्रामीणों द्वारा तैयार किए गए शौचालयों की प्रोत्साहन राशि नहीं मिल सकी है। विकास खंड कार्यालयों का चक्कर लगाते ग्रामीण थक चुके हैं।

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सीमांत जिला यूं तो ओडीएफ घोषित हो चुका है। अलबत्ता तस्वीर कुछ और बयां करती है। जिले में अभी भी छह हजार परिवार खुले में शौच कर रहे हैं। दूसरी तरफ शौचालय निर्माण करने वाले ग्रामीण अपने को छला हुआ मान रहे हैं। विकास खंड के दूरस्थ गांव सिमायल गांव में दो वर्ष पूर्व 38 परिवारों के शौचालय स्वीकृत हुए। ग्रामीणों को शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया गया और 12 हजार रु पए की प्रोत्साहन राशि मिलने की जानकारी दी गई। ग्रामीणों ने शौचालय तैयार कर दिए परंतु दो साल बीतने के बाद भी ग्रामीणों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है। ग्रामीण बताते हैं कि शौचालय निर्माण के बाद शर्तो के अनुसार ग्रामीणों ने शौचालयों की फोटो खींच कर स्वजल को उपलब्ध करा दी थी।

सिमायल के ग्राम प्रधान राधे राम ने बताया कि विभाग के अनुसार कई बार ग्रामीण शौचालयों की फोटो सहित अन्य औपचारिकता पूरी कर फाइल स्वजल को उपलब्ध करा चुके हैं। तीन दर्जन से अधिक परिवारों को शौचालय की प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से शौचालय विहीन अन्य ग्रामीण अब शौचालय निर्माण करने से कतरा रहे हैं। ग्राम प्रधान द्वारा इस मामले को बीडीसी बैठक में तक उठा दिया गया है। इसके बाद भी प्रोत्साहन राशि नहीं मिल रही है। प्रोत्साहन राशि के लिए लाभार्थी दर्जनों बार विकास खंड कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं। सिमायल गांव से एक बार विकास खंड मुख्यालय आने जाने में दो सौ रु पए खर्च होते हैं। दर्जनों बार विकास खंड के चक्कर लगाने से लाभार्थियों के हजारों रु पए खर्च हो चुके हैं।

सिमायल गांव में पूर्व में बनाए गए शौचालय ऑनलाइन नहीं हुए थे। जिसके चलते इनका भुगतान नहीं हुआ था। वर्तमान में सभी शौचालय ऑनलाइन हो गया है। बजट मिलते ही सभी का भुगतान कर दिया जाएगा।

हिमांशु पांडेय, समन्वयक बेरीनाग


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