पिथौरागढ़ में डीडीए के विरोध में संयुक्त संघर्ष मोर्चा मुखर
पिथौरागढ़ जिला विकास प्राधिकरण वापस लिए जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी जीओ जारी नहीं होने पर लोगों में रोष है।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : जिला विकास प्राधिकरण वापस लिए जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी भवन स्वामियों को नोटिस जारी किए जाने से जनाक्रोश बढ़ने लगा है। संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने गांधी चौक में प्राधिकरण के विरोध में धरना देते हुए चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने का एलान कर दिया।
मंगलवार को गांधी चौक में धरने पर बैठे संयुक्त संघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्राधिकरण को लेकर पहाड़ की जनता परेशान है। आम जनता की परेशानी को महसूस करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्राधिकरण को वापस लिए जाने की घोषणा की थी। इसके घोषणा के बाद भी भवन स्वामियों को मनमाने नोटिस जारी किए जा रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि प्राधिकरण के नाम पर अब और उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पिथौरागढ़ के साथ ही अल्मोड़ा, चम्पावत और बागेश्वर जनपद के जन संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन को तेज किया जाएगा। जरू रत पड़ने पर बाजार भी बंद होगा। धरने में मोर्चा के अध्यक्ष मोहन भट्ट, संयोजक शमशेर महर, चंद्रप्रकाश पुनेड़ा, गिरीश जोशी, अशोक पांडे, प्रदीप तिवारी, लालू राम, किशन चंद, महादेव भट्ट, गोविंद बिष्ट, कैलाश पुनेठा आदि मौजूद रहे। लोहाघाट में चौथे दिन मिल रहा पानी
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : गर्मी बढ़ने के साथ ही अब पानी की किल्लत भी दिन-प्रतिदिन बढ़ने लगी है। यही वजह है कि नगर के विभिन्न वार्डो में जल संस्थान चौथे दिन बाद भी जरूरतभर के पानी की आपूर्ति करने में अक्षम है। इस कारण प्राकृतिक जल स्रोतों पर लोगों का दबाव बढ़ गया है। सुबह से ही प्राकृतिक जल स्रोतों पर भारी भीड़ उमड़ रही है। वहां भी घटों लाइन में लगकर बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।
सभासद राजकिशोर ने कहा कि बीते दिनों बैठक में विधायक ने जल संस्थान में दो दिन में पानी देने और पानी का समय बढ़ाने के निर्देश दिए थे, लेकिन स्थिति जस की तस है। लोहावती वार्ड निवासी पार्वती देवी, निर्मला देवी, हीरा देवी ने कहा कि सर्दी के दिनों में भी पेयजल संकट समझ से परे है। समय पर व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो गर्मियों में समस्या और बढ़ जाएगी। जल संस्थान के सहायक अभियंता पवन बिष्ट ने कहा कि नगर की पेयजल व्यवस्था दुरुस्त को लेकर प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र टैंकरों से पानी वितरित किया जाएगा।