मजिरकांडा के सिविल वन पंचायत के जंगल में साल के छोटे पेड़ों का हो रहा अवैध कटान
सलानी के सिविल वन में पातन के नाम पर छोटे साल के वृक्षों का अवैध कटान हो रहा है।
झूलाघाट, जेएनएन : क्षेत्र के सलानी के सिविल वन में पातन के नाम पर छोटे साल के वृक्षों का अवैध कटान हो रहा है। शिकायत के बाद भी प्रशासन, पुलिस और वन विभाग मूक दर्शन बने हैं। छोटे साल के वृक्षों के कटान से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
झूलाघाट कस्बे से मात्र दो किमी दूर मजिरकांडा की सिविल वन पंचायत का जंगल है। एसएसबी कैंप और पिथौरागढ़-झूलाघाट मार्ग से लगे इस साल के जंगल में अवैध कटान हो रहा है। पातन के नाम पर बड़े और छोटे वृक्ष काटे जा रहे हैं। जंगल से जब कुछ लोगों द्वारा काटे गए पेड़ों की टहनियां लाते देखा गया। पेड़ों की टहनियों को इस तरह लाया जा रहा था कि देखने वालों को सूखी लकड़ी लगे। शक होने पर जब जंगल के अंदर जाकर देखा गया तो जंगल में बड़े और छोटे पेड़ कटे नजर आए । काफी अधिक संख्या में पेड़ कटे हुए मिले।
पता चला कि यह क्रम लंबे समय से चल रहा है। साल के पेड़ काट कर लकड़ी को जलौनी के रू प में प्रयोग में लाया जा रहा है। क्षेत्र के पर्यावरण प्रेमी पूर्व में इसकी शिकायत प्रशासन से कर चुके थे। इस संबंध में जब वन पंचायत सरपंच चंद्रशेखर भट्ट से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह जंगल सिविल फारेस्ट है जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन पर होती है। सिविल वन जिलाधिकारी के अधीन आते हैं। उन्होंने बताया कि वन पंचायत मजिरकांडा द्वारा सिविल वन में अवैध कटान की लिखित सूचना जिलाधिकारी कार्यालय को पूर्व में ही दे दी गई थी। इस शिकायत पर कार्यवाही नहीं होने से पातन जारी है और साल के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल रही है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन सिविल वन की देखभाल नहीं कर सकता है तो वन वन पंचायत मजिरकांडा को प्रदान करे। ====== पेड़ों की गिनती हो चुकी है जिस साल के जंगल में अवैध पातन के नाम पर अवैध कटान हो रहा है उस जंगल के वृक्षों की गिनती पंचेश्वर बांध परियोजना के तहत हो चुकी है। इस साल के जंगल से मात्र दो किमी की दूरी पर एसएसबी की कंपनी है और पुलिस थाना है। इसके बाद भी साल के वृक्षों का अवैध कटान हो रहा है। अवैध कटान करने वालों के हौसले बुलंद हैं। ===== मजिरकांडा के सिविल वन में अवैध पातन की सूचना मिली है। तहसील प्रशासन इस मामले में जांच करेगा। अवैध कटान करने वालों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
- पंकज चंदोला, तहसीलदार, पिथौरागढ़