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अगर मुझे समझौते की प्रथा से लड़ना पड़ा..

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: साहित्यिक संस्था सृजन दीप कला मंच ने नगर पालिका सभागार में काव्य गो

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Apr 2018 10:18 PM (IST)Updated: Sat, 28 Apr 2018 10:18 PM (IST)
अगर मुझे समझौते की प्रथा से लड़ना पड़ा..
अगर मुझे समझौते की प्रथा से लड़ना पड़ा..

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: साहित्यिक संस्था सृजन दीप कला मंच ने नगर पालिका सभागार में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। जिले भर से आए कवियों ने तमाम विषयों पर अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। कवियों को नगरपालिका अध्यक्ष ने सम्मानित किया।

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काव्य गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार इंद्रबहादुर सेन ने किया। इस अवसर पर उन्होंने दीपकला मंच द्वारा साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इससे नवोदित रचनाकारों को आगे आने का अवसर मिल रहा है। कवि मोहित पुनेठा ने आजाद होना हक है तेरा जैसी ओजस्वी कविता सुनाकर काव्य गोष्ठी का शुभारंभ किया। डा.आशुतोष प्रताप पांडे ने वर्तमान हालत पर अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा उनको तो शुमार करो अमन के साथ। अमन भट्ट की रचना अगर मुझे समझौते की प्रथा से लड़ना पड़ा को खासा सराहा गया। इसके अलावा प्रवीण जोशी, विनोद जोशी, संगीता तिवारी, पूरन पंत, डा. इंद्र बहादुर सेन, किरन पाटनी ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं की प्रशंसा बटोरी। संचालन करते हुए संस्था सचिव जितेंद्र तिवारी ने कहा कि काव्य गोष्ठी और अन्य माध्यमों से जिले में साहित्यिक माहौल बनाने के साथ ही युवा रचनाकारों को आगे लाने का प्रयास किया जा रहा है। नगर पालिकाध्यक्ष जगत सिंह खाती की ओर से काव्य गोष्ठी में मौजूद कवियों को शॉल और प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहे।


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