सरकार की मंशा पर बैंकों का पावर ब्रेक
रमेश गड़कोटी, पिथौरागढ़: सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रह
रमेश गड़कोटी, पिथौरागढ़: सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, इसके लिए तमाम योजनाएं सरकार ने चला रखी हैं, लेकिन योजनाओं को धरातल पर उतारने में बैंक खासकर राष्ट्रीयकृत बैंक बड़ी बाधा खड़ी कर रहे हैं। अपनी वार्षिक वित्तीय योजना की 15 प्रतिशत धनराशि कृषि ऋण के रू प में वितरित किए जाने का मानक सरकार ने बनाया हुआ है। 15 प्रतिशत तो आधा वित्तीय वर्ष नजदीक होने के बावजूद कई बैंकों ने अब तक अन्नदाताओं को एक पैसे का भी ऋण उपलब्ध नहीं कराया है।
कृषि और औद्योगिकी कार्य के लिए किसानों का समय पर पैसे की जरूरत किसी से छुपी नहीं है। खाद, बीज, कृषि उपकरण आदि की खरीददारी के लिए किसान बैंकों का रू ख करते हैं। बैंकों का रवैया उदासीन होने पर ही किसानों को मजबूरी में सूदखोरों से कर्ज लेना पड़ता है और किसान कर्ज के जंजाल में फंसता चला जाता है। इसी समस्या के समाधान के लिए वर्तमान केंद्र सरकार ने सभी बैंकों को अपनी वार्षिक योजना की 15 प्रतिशत धनराशि कृषि ऋण के रू प में वितरित करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन बैंक इन दिशा निर्देशों को ताक पर रखे हुए हैं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले को एक उदाहरण के रू प में ले सकते हैं। जिले में काम कर रही डेढ़ दर्जन बैंक शाखाओं के लिए नाबार्ड ने 431 करोड़ की वार्षिक योजना का खाका खींचा है। इस लिहाज से बैंकों को करीब 65 करोड़ रू पये कृषि ऋण के रू प में देना है, लेकिन जिले में सिर्फ तीन बैंकों ने अभी तक किसानों को कृषि ऋण उपलब्ध कराए हैं। इनमें सहकारी बैंक सबसे ऊपर है। इन तीन बैंकों में भी राष्ट्रीयकृत बैंक केवल एक है। इस हाल में 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य हवा-हवाई साबित हो सकता है। पहली छमाही में बैंकों की तस्वीर बैंक कृषि ऋण
़1. सहकारी बैंक 42 प्रतिशत
2. ग्रामीण बैंक 5 प्रतिशत
3. स्टेट बैंक 3 प्रतिशत
4. आईसीआईसीआई शून्य
5. पंजाब नेशनल बैंक शून्य
6. सेंट्रल बैंक शून्य
7. इलाहाबाद बैंक शून्य
8. यूको बैंक शून्य
9. बैंक आफ बड़ौदा शून्य
10. आईडीबीआई शून्य
11. नैनीताल बैंक शून्य
12. यूनियन बैंक शून्य
13. ओबीसी बैंक शून्य
14. एक्सिस बैंक शून्य बैंकों को वार्षिक योजना की 15 प्रतिशत धनराशि कृषि ऋण के रू प में किसानों को उपलब्ध कराने की गाइड लाइन केंद्र सरकार ने जारी की है। पहली छमाही में अधिकांश बैंकों ने किसानों को कोई ऋण नहीं दिया है। इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। पुनीत नागर, जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड
जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति(डीएलआरसी)की पिछली बैठक में बैंक प्रबंधकों को कृषि ऋण वितरण के निर्देश दिए गए थे। बैंक निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं करते हैं तो नियमानुसार कदम उठाए जायेंगे। सी.रविशंकर जिलाधिकारी, पिथौरागढ़