आजादी के 72 साल बाद भी हीपा भैंसिया उडियार सड़क सुविधा से वंचित
थल (पिथौरागढ़) में हर गांव तक सड़क की सुविधा उपलब्ध करवाने के सरकार के दावे फेल हो रहे हैं।
संवाद सूत्र, थल (पिथौरागढ़): सरकारें हर गांव तक सड़क सुविधा पहुंचाने केलाख दावे करें, मगर नेपाल व चीन सीमा से लगे सीमांत जिले पिथौरागढ़ में इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। यहां आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां आजादी के 72 साल बाद भी सड़क नहीं पहुंची है। जिसका खामियाजा गांव की गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, मरीजों को भुगतना पड़ता है। विकासखंड बेरीनाग के हीपा भैंसिया उडियार गांव सड़क के अभाव में मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। ग्रामीण सड़क नहीं होने से आज भी वही पुराने ढर्रे में जीवनयापन करने को मजबूर हैं।
थल तहसील मुख्यालय से 14 किमी दूर हीपा-भैंिसया उडियार गांव में अभी तक सड़क का सर्वे कार्य तक नहीं हुआ है। 270 परिवार वाले इस गांव के ग्रामीणों के लिए गांव तक सड़क का सपना सपना बनकर रह गया है। ग्रामीणों को खाने-पीने के सामान से लेकर मरीजों, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए 8 किमी पैदल चलना पड़ता है। स्कूली बच्चों को भी मीलों पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। सड़क नहीं होने से गांव में विकास नहीं हो पा रहा है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां से तेजी से पलायन बढ़ता जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की मांग को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, मगर कोई भी ग्रामीणों की समस्याएं सुनने को तैयार नहीं हैं। ========= क्या कहते हैं ग्रामीण
क्षेत्र में यातायात की कोई सुविधा नहीं है। जिसके चलते सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कई परिवार गांव से पलायन कर चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
फोटो फाइल: 29 पीटीएच 04
परिचय: कमला देवी ======== किसी भी गांव के विकास की पहली सीढ़ी सड़क होती है और वह ही ग्रामीणों को नसीब नहीं हो रही है। चुनाव के समय नेताजी विकास के बड़े-बड़े दावे करते हैं, मगर चुनाव जीतने के बाद सबकुछ भूल जाते हैं।
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परिचय: रमेश सिंह कार्की। ======= गांव में जब भी कोई बीमार होता है, तो उसे डोली के सहारे सड़क तक पहुंचाया जाता है। कई बार तो बीमार व्यक्ति अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ देता है। सरकार को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
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परिचय: राम सिंह कार्की। ======== साधन संपन्न कई परिवार तो गांव छोड़कर शहरों में बस चुके हैं, लेकिन गरीब परिवारों के लिए गांवों में रहना मजबूरी है। यदि उन्हें ही सड़क जैसी मूलभूत सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा तो गांव वीरान हो जाएंगे।
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परिचय: हिम्मत सिंह रावत। ======= मेरे संज्ञान में अभी-अभी यह मामला आया है। सड़क के सर्वे के लिए शीघ्र मुख्यमंत्री से वार्ता की जाएगी। ग्रामीणों को सड़क सुविधा का लाभ दिया जाएगा। विकास कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
मीना गंगोला, क्षेत्रीय विधायक। ========= प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क कलस्टर योजना पार्ट-एक के तहत प्रेमनगर से हीपा-भैंसिया उडियार गांव के लिए सड़क का सर्वे किया गया था। पोर्टल बंद होने के कारण डीपीआर शासन तक नहीं पहुंच पाई।
- गुरमीत सिंह, सहायक अभियंता, पीएमजीएसवाई।