पलायन रोकना है तो जंगली जानवरों से दिलाओ निजात
पर्वतीय गांवों में गंभीर होती जा रही जंगली जानवरों की समस्या से परेशान लोगों का कहना है कि अगर पलायन रोकना है तो जंगली जानवरों की समस्या का हल किया जाए।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पर्वतीय गांवों में गंभीर होती जा रही जंगली जानवरों की समस्या से परेशान ग्रामीण अब इस मुद्दे पर मुखर हो गए हैं। ग्रामीणों ने इस समस्या को पलायन की जड़ बताते हुए कहा कि सरकार को अब इस मामले में ठोस योजना बनानी होगी।
हरकोट, मटेना, मालुपाती, रीठा गांवों की संयुक्त बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि किसान वर्ष भर मेहनत कर रहा है और बंदर, सुअर किसानों की मेहनत को चट कर दे रहे हैं। झुंड के झुंड गांवों में पहुंच रहे हैं। ऐसे में किसानों के समक्ष खेती छोड़ने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि ग्रामीणों के खेती छोड़ने से खेत बंजर हो रहे हैं। गांवों में आर्थिक उपार्जन का कोई अन्य साधन नहीं होने से ग्रामीणों के समक्ष पलायन करना मजबूरी है। यही स्थिति बनी रही तो चीन सीमा से लगे तमाम गांव जल्द ही खाली हो जायेंगे। मतदाताओं का आभार जताते के लिए पहुंचे नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया भी इस समस्या से रू बरू हुए। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मुद्दे को सरकार तक ले जाकर जंगली जानवरों से निजात दिलाए जाने के लिए ठोस नीति बनाए जाने की मांग की जाएगी। इसके बाद भी पहल नहीं होती है तो प्रतिरोध की रणनीति तय होगी। बैठक में हेमा मेहरा, भूपेंद्र सिंह, राजू सेमिया, मालती देवी, बसंती देवी, हरेंद्र, जयंती, खुशाल सिंह, चंद्रा गिरी, योगेश, हरीश चिराल आदि मौजूद थे।