गराऊं परियोजना के टरबाइन दो साल भी जाम
संवाद सूत्र, थल: ऊर्जा प्रदेश में लघु जल विद्युत परियोजनाओं का हाल बुरा है। 300 किलोवाट क्षमता क
संवाद सूत्र, थल: ऊर्जा प्रदेश में लघु जल विद्युत परियोजनाओं का हाल बुरा है। 300 किलोवाट क्षमता की परियोजना के बंद होने से सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लग चुका है। परियोजना में तैनात स्थानीय युवा भी बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
वर्ष 1997 में थल के निकट गराऊं में जल विद्युत परियोजना का निर्माण कराया गया था। 300 किलोवाट क्षमता की परियोजना के संचालन का जिम्मा लघु जल विद्युत निगम को सौंपा गया। वर्ष 2013 तक इसका संचालन निगम ने ही किया। इसी वर्ष सरकार के एक फैसले के तहत तीन किलोवाट से नीचे की सभी जल विद्युत परियोजनाएं उरेडा को सौंपने का निर्णय लिया गया। गराऊं योजना भी उरेडा के अधीन आ गई। उरेडा ने इसका संचालन स्वयं न कर इसे ठेकेदारी में दे दिया। ठेकेदारी में आने के बाद से ही परियोजना के बुरे दिन शुरू हो गए। नहर और उपकरणों में आई खराबी के चलते परियोजना पिछले दो वर्ष से ठप है। योजना का संचालन नहीं होने से हर रोज 300 किलोवाट बिजली का नुकसान प्रदेश सरकार को हो रहा है। परियोजना में तैनात आधा दर्जन युवा भी बेरोजगार बैठे हैं। परियोजना का संचालन नहीं होने से क्षेत्र के लोगों में गहरा आक्रोश है। -परियोजना में उत्पादन शुरू करने के लिए उरेडा के अधिकारियों से वार्ता हो चुकी है। परियोजना में आई गड़बड़ी को शीघ्र दूर कर उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा।
-मीना गंगोला, विधायक, गंगोलीहाट क्षेत्र