सवालों के घेरे में प्रदेश की खाद्य सुरक्षा व्यवस्था
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: खाद्य सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर नहीं लगती। सुरक्षा मानकों को जां
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: खाद्य सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर नहीं लगती। सुरक्षा मानकों को जांचने के लिए छह माह पूर्व लिए गए नमूने अभी भी प्रदेश के खाद्य एवं औषधि विश्लेषण प्रयोगशाला में पड़े हुए हैं। छह माह बाद इन नमूनों की रिपोर्ट को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
प्रदेश में मिलावट खोरी रोकने, सुरक्षित खाद्य सामग्री उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग खोला गया है। विभाग समय-समय पर खाद्य पदार्थो के नमूने लेकर जांच के लिए रुद्रपुर स्थित प्रयोगशाला में भेजता है, लेकिन इन नमूनों की रिपोर्ट विभाग को समय पर नहीं मिल रही है। पिछले छह माह के दौरान अकेले सीमांत जिले पिथौरागढ़ से 125 नमूने प्रयोगशाला में भेजे गए थे, इनमें से अधिकांश नमूने दीप पर्व पर लिए गए थे। इस दौरान खाद्य सामग्री में सर्वाधिक मिलावट की आशंका रहती है। विभाग को आज तक एक भी नमूने की रिपोर्ट नहीं मिली है।
बताया गया है कि रुद्रपुर स्थित प्रयोगशाला में नमूनों की जांच के लिए खाद्य विश्लेषक ही नहीं है। प्रदेश भर से जमा किए गए नमूने प्रयोगशाला में पड़े हुए हैं। जांच में इतना लंबा समय लगने को लेकर प्रदेश की खाद्य सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। बीते छह माह में लिए गए नमूने किस स्थित में होंगे। इसका अनुमान लगाया जा सकता है। तमाम जागरू क संगठनों का कहना है कि जब जांच की ही व्यवस्था नहीं है तो नमूने लेकर प्रदेश की जनता को क्यों भ्रमित किया जा रहा है।
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=== वर्जन
पिथौरागढ़ जनपद से 125 नमूने लैब में भेजे गए थे, जिसकी जांच रिपोर्ट का इंतजार है। रुद्रपुर प्रयोगशाला में अब खाद्य विश्लेषक की तैनाती हो चुकी है, जल्द ही रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी। लिए गए नमूने सुरक्षित किए जाते हैं। जांच में लगने वाली अवधि का जांच नमूनों पर कोई असर नहीं पड़ता है।
-आरएस कठायत, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, पिथौरागढ़