सीमांत जिले में पहुंचा कैलास मानसरोवर यात्रियों का पहला दल
संवाद सूत्र डीडीहाट कैलास मानसरोवर यात्रियों का पहला दल गुरुवार को जिले में पहुंच गया। डीडीहाट
संवाद सूत्र, डीडीहाट: कैलास मानसरोवर यात्रियों का पहला दल गुरुवार को जिले में पहुंच गया। डीडीहाट और मिर्थी में यात्रियों का भव्य स्वागत हुआ। ढोल नगाड़ों के बीच यात्रियों को तिलक लगाया गया। उत्साहित यात्रियों ने भगवान शंकर के जयकारे लगाए।
दल दोपहर लगभग ढाई बजे सबसे पहले कुमाऊं मंडल विकास निगम के डीडीहाट पर्यटक आवास गृह पहुंचे। एसडीएम केएन गोस्वामी, प्रबंधक आनंद आर्या और एसएचओ केसी आर्या ने मालाएं पहनाकर यात्रियों का स्वागत किया। दोपहर का भोजन लेने के बाद यात्री आइटीबीपी मिर्थी के लिए रवाना हुए।
मिर्थी परिसर में अस्कोट पाल वंश के कुंवर महिराज और बल के डीआइजी एपीएस निम्बाडिया ने यात्रियों का स्वागत किया। ढोल नगाड़ों के बीच कई यात्री अपने आप को झूमने से नहीं रोक पाए। आइटीबीपी के अधिकारियों ने यात्रियों को उच्च हिमालय क्षेत्र में कैलास मानसरोवर यात्रा पथ की जानकारी दी। यात्रा के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों से यात्रियों को अवगत कराया। यात्रियों को बताया गया कि उनकी सुरक्षा के आइटीबीपी के जवान मुस्तैद रहेंगे। इस दौरान यात्रियों ने पाल राजवंश की तमाम ऐतिहासिक वस्तुओं की प्रदर्शनी भी देखी। बता दें पूर्व में इस यात्रा के आयोजन में पाल राजवंश की महत्वपूर्ण भूमिका रहती थी। मिर्थी में महत्वपूर्ण जानकारियां लेने के बाद यात्री आधार शिविर धारचूला पहुंच गए। जहां से सोमवार को यात्री पहले पैदल पड़ाव के लिए रवाना होंगे। पहले यात्रा दल में 58 यात्री शामिल हैं, जिसमें 49 पुरू ष तथा नौ महिलाएं शामिल हैं। ============ यात्रियों ने लिया पहाड़ी व्यंजनों का आनंद डीडीहाट: डीडीहाट पर्यटक आवास गृह में दोपहर के भोजन में यात्रियों को पहाड़ी व्यंजन परोसे गए। यात्रियों ने मडु़वे की रोटी, झोली, भांग की चटनी की खूब सराहना की। कुमाऊं मंडल विकास निगम यात्रियों को यात्रा के दौरान कई जगहों पर पहाड़ी व्यंजन परोसता है। पहली बार पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद लेने वाले यात्रियों ने निगम के अधिकारियों से इन व्यंजनों को बनाने की विधि की जानकारी भी ली। ========== कुमाऊं मंडल के छह यात्री पहले दल में शामिल
डीडीहाट: कैलास मानसरोवर यात्रा में जा रहे पहले दल में शामिल 58 यात्रियों में छह यात्री कुमाऊं मंडल के हैं। इनमें नैनीताल जनपद के दिनेश अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, अक्षय अग्रवाल, हल्द्वानी के केके पांडेय, बागेश्वर के नीरज शामिल हैं। यात्रा में जा रहे यात्री खासे गदगद हैं। ========
पौराणिक मार्ग से ही है मिलता है यात्रा का वास्तविक आनंद
डीडीहाट: कैलास मानसरोवर यात्रा पर जा रहे यात्रियों ने कहा है कि यात्रा का वास्तविक आंनद उत्तराखंड में स्थित पौराणिक मार्ग से मिलता है। सिक्किम के नाथूला दर्रे से भी यात्रा कर चुके कई यात्री पहले दल में शामिल हैं।
दिल्ली निवासी हेमराज गोयल छठी बार कैलास मानसरोवर की यात्रा पर जा रहे हैं। सिक्किम के नाथूला दर्रे से भी यात्रा कर चुके गोयल का कहना है कि जो आनंद की अनुभूति उत्तराखंड के पौराणिक मार्ग से होती है वह दूसरे मार्गो में नहीं होती है। भगवान शिव उन्हें अपने दर्शना के लिए बुलाते हैं इसलिए अधिक से अधिक बार इस यात्रा को करना चाहते हैं। ग्वालियर के धर्मेद्र गुर्जर और इंद्रजीत तीसरी बार यात्रा पर जा रहे हैं। दोनो यात्रियों का कहना है कि कैलास की यात्रा से मन नहीं भरता है। कैलास के दर्शनों से जिस नई ऊर्जा का संचार होता है उसे शब्दों में बयां कर पाना संभव नहीं है। भगवान शिव के धाम में पहुंचते ही तमाम समस्याएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं। दोनों का कहना है भगवान शिव का जितनी बार बुलावा आएगा उतनी बार वे यात्रा में जाएंगे। ========== सड़कों की खराब हालत से व्यथित दिखे यात्री डीडीहाट: हल्द्वानी से डीडीहाट तक पहुंचे यात्री सड़कों की खराब हालत के चलते खासे व्यथित दिखे। यात्रियों ने कहा कि सीमांत जिले से सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा का संचालन होता है, लेकिन जिले की सड़कों की स्थिति संतोषजनक नहीं है। मार्गो में पड़े गड्ढों के चलते लंबी यात्रा कर पहुंचने वाले यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। ========= जलते जंगल और पहाड़ में छाई धुंध चिंताजनक डीडीहाट: पहाड़ के जंगलों में लगी आग और वातावरण में छाई धुंध पर यात्रियों ने खासी चिंता जताई। छठी बार कैलास मानसरोवर की यात्रा पर जा रहे हेमराज गोयल ने कहा कि वे जब पूर्व में यात्रा पर आए थे तो उन्होंने पहाड़ में धुंध नहीं दिखी। बेरीनाग से ही हिमालय की चोटियां साफ दिखने लगती थी, जिससे मन प्रफुल्लित हो जाता था, लेकिन इस बार धुंध के चलते डीडीहाट पहुंचने तक यात्री हिमालय के दर्शन नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि पहाड़ के पर्यावरण को सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए।
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