कोयले से कोरोना के इलाज को विशेषज्ञों ने बताया अंधविश्वास
सोशल मीडिया में प्रसारित कोयले से कोरोना का उपचार वीडियो को विशेषज्ञों ने अंधविश्वास बताया है।
हल्द्वानी, पिथौरागढ़, जेएनएन : वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के खतरे के बीच अंधविश्वास भी पांव पसार रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने मिट्टी के अंदर से कोयला निकलने और उसका टीका लगाने से कोरोना से बचने के पोस्ट और वीडियों शेयर किए हैं। जो तेजी से वायरल हो रहे हैं। प्रसारित किया जा रहा है कि पाच साल की बच्ची के शरीर मे हाट काली मैया ने अवतरित होकर कोरोना से बचाव के लिए घर के बाई तरफ खोदाई करने की बात कही। च्योतिषियों, पुजारियों और विशेषज्ञों ने इसे अंधविश्वास बताते हुए सिरे से खारिज किया है।
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जमीन के नीचे से निकले कोयले से कोरोना का उपचार होने की बात अवैज्ञानिक होने के साथ शास्त्रों के लिहाज से भी अपुष्ट है। ज्योतिष और शास्त्र इसका खंडन करते हैं। लोग शारीरिक डिस्टेंस का पूरी तरह पालन करें और अंधविश्वास में न आएं।
- डॉ. नवीन चंद्र जोशी, प्राचार्य श्री महादेव गिरी संस्कृत महाविद्यालय हल्द्वानी --------- पाच साल की बच्ची के शरीर पर देवी के अवतरित होने और उसके आशीर्वाद से जमीन के अंदर से निकले कोयले से कोरोना का उपचार होने की बात पूरी तरह भ्रामक है। ऐसी पोस्ट पर बिल्कुल ध्यान न दें।
- हरगोविंद रावल, पुजारी हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट -------------- विश्व स्वास्थ्य संगठन अभी तक कोरोना का कोई उपचार नहीं ढूंढ पाया है। कोयले से कोरोना के उपचार की बात पूरी तरीके से भ्रामक है। लोग शारीरिक डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करते हुए अपने घरों में ही रहें।
- डॉ. मनोज कांडपाल, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी हल्द्वानी -------- हल्द्वानी और भाबर में कोयला होने की कोई गुंजाइश नहीं है। जमीन में दबी वस्तुओं के अवशेष कई बार हमें काले पत्थर के रूप में प्राप्त होते हैं। यह कोई चमत्कारिक घटना नहीं है। ऐसी में अफवाहों से दूर रहना चाहिए।
रवि नेगी, भू वैज्ञानिक ============= सोशल मीडिया में अफवाह प्रसारित करने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश जासं, पिथौरागढ़: कारोना संक्रमण के परिप्रेक्ष्य सोशल मीडिया में भ्रामक अफवाह फैलाई जा रही है। इस अफवाह को लेकर पुलिस और प्रशासन सजग हो चुके हैं। सोशल साइटों पर नजर रखी जा रही है।
पर्वतीय क्षेत्र में घरों के सामने की जमीन खोद कर कोयला निकाल कर इसे कोरोना की दवा बताए जाने की अफवाह फैलाई जा रही है। जिसे देखते हुए पुलिस ने इस तरह के भ्रामक संदेश व सूचना को पोस्ट और फारवर्ड नहीं करने को कहा है। पुलिस सोशल साइट पर लगातार नजर रखे हैं। पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शनी ने इस तरह की भ्रामक पोस्ट को प्रसारित करने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।