सीमा बनी महिला सशक्तिकरण की मिसाल
गौरी शंकर पंत, लोहाघाट अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो रास्ते खुद ब खुद मिल जात
गौरी शंकर पंत, लोहाघाट
अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो रास्ते खुद ब खुद मिल जाते है। फिर राह में बड़ी चट्टान ही क्यों न आ जाए। ऐसा ही कुछ नगर के एक युवती ने कर दिखाया है। युवती ने खुद के छोटे से रोजगार से महिलाओं को जोड़ा और उनको भी रोजगार उपलब्ध कराया। हम बात कर रहे गांधी चौक निवासी हैंडी क्रॉफ्ट की दुकान चलाने वाली सीमा देवी की। सीमा विगत पांच सालों में पाचं सौ महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा चुकी हैं।
आज के समय में हर क्षेत्र में पढे़ लिखे व्यक्तियों की भरमार है लेकिन लोग रोजगार को भटक रहे हैं। लेकिन सीमा ने कम पढ़ने के बाद भी लोगों के लिए मिसाल पेश की है। सीमा ने कक्षा आठ तक पढ़ाई की। दस साल तक पढ़ाई के बारे में सोचती रही घर के काम काज निपटाती रही फिर भी पढ़ाई का जुनून कम नहीं हुआ। 2013-15 में इग्नू से हाईस्कूल का इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। परिवार की गरीबी देख कर एक साल के लिए निजी विद्यालय में आया का कार्य किया। उन्होने 2014 में विद्या भारती संस्थान से जुड़ गई। उसके बाद 200 से 250 महिलाओं व बालिकाओं को सिलाई का निश्शुल्क प्रशिक्षण प्रशिक्षण देना शुरू किया। तब से आज तक लगभग पांच सौ महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया है। कई महिलाएं अपना स्वरोजगार चला रही है। वर्तमान में गांधी चौक स्थित दुकान में चालीस महिलाओं व बालिकाओं को हैंडी क्रॉफ्ट, टेडी वियर, सिलाई का प्रशिक्षण दे रही है। उद्योग विभाग की ओर से लगाए जाने वाली हस्त शिल्प बाजार में अपनी दुकान लगाकर वह अपने सामान को बेचकर आमदनी करती है। सीमा को मिला है वेस्ट वूमन का खिताब
उनके इस कार्य को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 2015 में उन्हें वेस्ट वूमन का देहरादून में पुरस्कार दिया। 22 जून 2017 को देहरादून में राज्य स्वच्छता गौरव सम्मान, बीते माह महिला दिवस पर पूर्व डीएम डॉ. इकबाल अहमद, 2016 में विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने विकास खंड में खुले में शौच मुक्त अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने के लिए उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया था। स्वच्छता पर चला चुकी है अभियान
सीमा महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के साथ अपने ब्लॉक क्षेत्र में लोगों को खुले में शौच मुक्त अभियान चलाकर भी जागरूक कर चुकी है। उनके इस जागरूकता अभियान का असर है कि क्षेत्र में अब कोई भी खुले में शौच नहीं जाता। हर घर में शौचालय में बन गए हैं।