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विद्युत परियोजनाओं पर पर्यावरण का रोड़ा

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: यूपीए शासनकाल में स्वीकृत दो जल विद्युत परियोजनाओं पर पर्यावरण क

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 03:46 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 03:46 PM (IST)
विद्युत परियोजनाओं पर पर्यावरण का रोड़ा

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: यूपीए शासनकाल में स्वीकृत दो जल विद्युत परियोजनाओं पर पर्यावरण का रोड़ा लगा है। 240 मेगावॉट की धौलीगंगा फेज टू और 110 मेगावॉट की गोरी गंगा फेज वन यूपीए शासनकाल में स्वीकृत हुई थी। इसकी स्वीकृति के बाद इन परियोजनाओं का निर्माण 280 मेगावॉट की धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना निर्माण के साथ संचालन कर रहे राष्ट्रीय जल विद्युत कारपोरेशन (एनएचपीसी) को दी गई ।

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सत्ता के समीकरण बदल गए। देश और प्रदेश में नई सरकारें आ गई। दोनों विद्युत परियोजनाओं के निर्माण को लेकर अटकलें लगने लगी। वर्तमान सरकार ने भी इन परियोजनाओं के निर्माण की सहमति दे दी। सहमति तो मिली परंतु परियोजनाओं के निर्माण के लिए सरकार की तरफ से गतिविधियां शून्य रहीं। अलबत्ता एनएचपीसी ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली। दोनों परियोजनाओं के निर्माण के लिए गोरी गंगा फेज वन के लिए मदकोट के पास तथा धौलीगंगा फेज टू के लिए सोबला के पास भूगर्भीय जांच कराने के बाद आगे की कार्यवाही चलाई।

दोनों स्थलों के उपयुक्त पाए जाने के बाद एनएचपीसी ने दोनों परियोजनाओं के लिए महाप्रबंधक सहित स्टॉफ भी

तैनात कर दिया। परियोजनाओं की डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दी। पूरी प्रक्रिया सरकार के पाले में चली गई। वन भूमि निस्तारण से लेकर पर्यावरण की स्वीकृति की जिम्मेदारी सरकार की थी। छह साल से अधिक का समय बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी है। ऊर्जा प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन का मामला फाइलों में अटका है। इन दोनों परियोजनाओं के बनने से 350 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता । जबकि इसी क्षेत्र में एनएचपीसी की 280 मेगावॉट की धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना का सफल संचालन हो रहा है।

जिले में जल विद्युत उत्पादन की है अपार संभावना सीमांत जिले के सीमांत में हिमनदों से निकलने वाले विशाल नदी, नालों में जल विद्युत उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। इसके प्रस्ताव भी वर्षों से तैयार हैं। तैयार प्रस्तावों में गर्बा-तवाघाट 600 मेगावॉट, धौलीगंगा फेज थ्री 280 मेगावॉट, गोरी गंगा फेज टू , फेज थ्री 55 मेगावॉट के अलावा उर्थिंग में रिलायंस की 280 मेगावॉट के अलावा यूजीवीएन की उर्थिग में 250 मेगावॉट की योजना सहित अन्य योजनाएं प्रस्तावित है। इसके अलावा जिले की नदी, नालों में निजी कंपनियों सहित उरेडा आदि द्वारा प्रस्तावित योजनाओं का निर्माण होता है तो जिले में तीन हजार मेगावॉट से अधिक बिजली पैदा होगी। धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना फेज टू और गोरी गंगा जल विद्युत परियोजना फेज वन के मामले पर्यावरण स्वीकृति के लिए गए हैं। सरकार इन परियोजनाओं का निर्माण कराएगी। जल विद्युत उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए पर्यावरण स्वीकृति के लिए सरकार प्रयासरत है।

प्रकाश पंत,वित्त मंत्री, उत्तराखंड सरकार


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