संचार विहिन गांव में दीपावली से बजेंगे मोबाइल की घंटी
संवाद सूत्र, नाचनी : सीमा से लगे क्षेत्र के लोग अब शीघ्र संचार के माध्यम के देश और दुनिया से जुड
संवाद सूत्र, नाचनी : सीमा से लगे क्षेत्र के लोग अब शीघ्र संचार के माध्यम के देश और दुनिया से जुड़ने वाले हैं। दीपावली पर मिल रही इस सौगात से दस हजार की आबादी में खुशी छा गई है। मोबाइल से बात करने के लिए खरीदे मोबाइल फोन सेटों में शीघ्र ही सिग्नल होंगे और क्षेत्र की जनता अपने लोगों की हर वक्त कुशल क्षेम ले सकेगी ।
तहसील मुनस्यारी के समकोट से लेकर कोटा पंद्रहपाला, मलौन, लोध, डुंगरी ,राया , बजेता जैसे क्षेत्र आजादी के छह दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। भले ही देश में फोर जी और फाइव जी सेवा चल रही हो इस क्षेत्र में अभी तक न तो टेलीफोन के तार लगे हैं और नहीं मोबाइल । क्षेत्र की जनता के लिए अभी तक लैंडलाइन फोन या फिर मोबाइल फोन कौतुहल के ही विषय बने हैं। हालत यह है कि डिजिटल युग में इस क्षेत्र के ग्रामीणों को गैस बुक कराने के लिए नाचनी, बांसबगड़ पहुंच कर दूसरों के फोन का प्रयोग करना पड़ता है।
क्षेत्र को मोबाइल फोन सेवा से जोड़ने के लिए बीते वर्षों से प्रयास जारी था। क्षेत्र के सभी दलों के जनप्रतिनिधि इस मांग को लेकर समय -समय पर आवाज उठा रहे थे। जिसके फलस्वरूप इस क्षेत्र को संचार से जोड़ने के लिए बीएसएनएल का टॉवर स्वीकृत हुआ। बीते दिनों समकोट में जनप्रतिनिधियों और बीएसएनएल के अधिकारियों द्वारा स्थल का चयन किया गया। पंद्रह दिनों के भीतर सारी कार्यवाही पूरी कर टॉवर की सामग्री पहुंच चुकी है। शनिवार को भूमि पूजन करते हुए टॉवर स्थापना कार्य प्रारंभ हो चुका है। इसकी सूचना मिलते ही क्षेत्र के लगभग 15 गांवों में खुशी व्याप्त है। जनता ने इसके लिए क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा और विधायक हरीश धामी का आभार जताया है।
मोबाइल फोन सेट पहले ही खरीद चुके हैं ग्रामीण आज से पांच, सात पूर्व क्षेत्र में मोबाइल टॉवर स्वीकृत होने की सूचना पर कई ग्रामीण मोबाइल फोन सेट खरीद लिए थे। सात साल प्रतीक्षा करने के बाद भी क्षेत्र में टॉवर नहीं लगा। ग्रामीण जब कभी गांव से बाहर जाते हैं तब फोन साथ लेकर जाते हैं। नाचनी के आसपास से सिग्नल आने से फोन काम करने लगता है । सिम को सक्रिय रखने के लिए बीच- बीच में रिचार्ज भी करते रहते हैं। अलबत्ता ग्रामीण फोन सेट को घर में बक्से या अलमारी में रखे हैं। इधर अब इन सेटों से बात होने आस जग चुकी है। ग्रामीणों की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं है।