आंदोलन से पूर्व गांव में चलाया गया स्वच्छता अभियान
जासं पिथौरागढ़ सरकार के जनता के द्वार कार्यक्रम को अधिकारियों ने विफल कर दिया है। कोई
जासं, पिथौरागढ़: सरकार के जनता के द्वार कार्यक्रम को अधिकारियों ने विफल कर दिया है। कोई भी अधिकारी गांवों तक नहीं पहुंच रहे हैं। जिला मुख्यालय से 155 किमी दूर स्थित अति दुर्गम होकरा के ग्रामीण शिक्षा, सड़क, चिकित्सा व अन्य समस्याओं को लेकर पहली बार लीक से हट कर आंदोलन करने जा रहे हैं। सोमवार से होने वाली भूख हड़ताल से पूर्व रविवार को गांव में वृहद स्वच्छता अभियान चलाया गया। सोमवार से तीन गांवों के बच्चों से लेकर बूढ़े तक पंचायत घर को आदोलन घर का रंग देने में जुटे हैं।
तहसील मुनस्यारी के अति दुर्गम होकरा में तीन गांव होकरा, खोयम और गोला आते हैं। शिक्षक, एएनएम और सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण बीस दिन पूर्व जिला मुख्यालय आए और डीएम , सीएमओ और सीईओ से मिले । मांग पूरी नहीं होने पर जिला मुख्यालय में जुलूस , प्रदर्शन और भूख हड़ताल की धमकी दी गई। इसी बीच ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय जाने की बजाय गांव में ही भूख हड़ताल का निर्णय लिया। जिसके लिए तैयारी की गई। सोमवार से होने वाली भूख हड़ताल के लिए रविवार को तीनों गांवों में सफाई अभियान चलाया गया। गांवों को गंदगी मुक्त कराया। इसके बाद क्षेत्र के प्रसिद्ध होकरा मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करते आंदोलन की सफलता की कामना की गई।
ग्रामीणों का कहना है कि जिला मुख्यालय जाकर अधिकारियों के आगे गिड़गिनाने की सारी हदें पार हो चुकी हैं। अधिकारी कभी गांव तक नहीं आते हैं। उनका आंदोलन अब अधिकारियों को गांव तक आने को विवश करेगा। होकरा में पहली बार आंदोलन हो रहा है। सोमवार से होने वाले इस आंदोलन में बच्चे हाथों पर पोस्टर लेकर कतारबद्ध बैठेंगे। बड़े भूख हड़ताल और क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। ग्राम प्रधान सुंदर सिंह मेहता,आनुली देवी , निर्मला, देव सिंह, हरक सिंह, गंभीर सिंह, खुशाल और मदन सिंह ने बताया कि अब गांवों का बच्चा -बच्चा इस आंदोलन में आहुति के लिए तैयार है। सोमवार से होने वाले आंदोलन की रविवार को रिहर्सल की गई। भाजपा नेता जगत मर्तोलिया ने होकरा के ग्रामीणों के आंदोलन को वाजिब बताते हुए एक दिन गांव में ही उपवास पर बैठने की धमकी दी है।