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पिथौरागढ़ में एक दर्जन लाभार्थियों को बांटे प्रमाण पत्र

पिथौरागढ़ जिले में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत जिले के एक दर्जन अनाथ बच्चों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 09:21 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 09:21 PM (IST)
पिथौरागढ़ में एक दर्जन लाभार्थियों को बांटे प्रमाण पत्र

जासं, पिथौरागढ़ : मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत जिले के एक दर्जन अनाथ बच्चों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

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सोमवार को देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से वात्सल्य योजना का शुभारंभ किया। जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ के कलक्ट्रेट स्थित वीडियो कांफ्रेसिंग कक्ष में 12 लाभार्थियों को जिपं अध्यक्ष दीपिका बोहरा , नगरपालिका परिषद अध्यक्ष राजेंद्र रावत और मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल ने स्वीकृत प्रमाण पत्र वितरित किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इन बच्चों के साथ हमेशा रहेगी। उन्होंने कहा कि बच्चे मुझे मामा कह सकते हैं। जिलाधिकारी बच्चों की सह अभिभावक की तरह देखभाल करेंगे। 21 वर्ष की उम्र तक प्रतिमाह तीन हजार रु पए , निशुल्क खाद्यान्न और नवोदय विद्यालय में निशुल्क प्रवेश सरकार देगी। इस योजना के तहत इन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने का कार्य करेगी।

जिले में कोरोना काल में अनाथ हुए कुल 63 बच्चे चिन्हित किए गए हैं। जिसमें पचास के प्रस्ताव स्वीकृत कर सोमवार को उनके बैंक खाते में ऑनलाइन धनराशि जमा कर दी गई है। भविष्य में भी प्रतिमाह लाभार्थियों के खाते में ऑनलाइन धनराशि जमा होती रहेगी। इस मौके पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. विद्यासागर कापड़ी, जिला समाज कल्याण अधिकारी दिलीप कुमार,जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास संजय गौरव व अन्य अधिकारी और बच्चे उपस्थित थे।

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चम्पावत में 10 बच्चों को दिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के चेक

संस, चम्पावत : मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के शुभारंभ पर सोमवार को जिलाधिकारी विनीत तोमर ने जिले से चयनित 10 बच्चों को तीन-तीन हजार रुपये का चेक तथा योजना में चयनित होने का प्रमाणपत्र प्रदान किया। योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीसी के माध्यम से किया।

योजना के अंतर्गत एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 के बीच जिन बच्चों ने कोविड-19 या अन्य बीमारी के चलते अपने अभिभावकों में से किसी एक को खोया है, उन्हें 21 वर्ष तक प्रतिमाह 3000 रुपये की सहायता राशि सरकार की ओर से दी जाएगी। इसके अलावा इन बच्चों की शिक्षा का खर्च भी सरकार उठाएगी। 21 वर्ष तक बच्चों की समस्त चल अचल संपत्ति की देखभाल का जिम्मा भी जिलाधिकारी की देखरेख में होगा। कार्यक्त्रम में मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत, जिला कार्यक्त्रम अधिकारी पीएस बृजवाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी आरएस सामंत, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गोपाल दत्त पाडेय समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


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