Uttarakahnd: 29 दिन में तैयार हो गया 45 मीटर लंबा पुल तैयार, 66 दिन बाद थल-मुनस्यारी मार्ग से गुजरे वाहन
पिथौरागढ़ में थल-मुनस्यारी मार्ग पर द्वालीगाड़ में 45 मीटर नया पुल तैयार हो गया है। यहां पर बना पुराना पुल आठ जुलाई को बादल फटने आई आपदा में बह गया था। इस पुल के निर्माण में 63 मजदूर और बीआरओ के अभियंता लगे।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : आठ जुलाई को बादल फटने से थल -मुनस्यारी मार्ग पर बहे द्वालीगाड़ पुल के स्थान पर नया पुल तैयार कर दिया गया है। पुल निर्माण में 29 दिन का समय लगा। इससे 66 दिन बाद थल -मुनस्सारी मार्ग पर यातायात भी बहाल हो गया है। इससे जनता सहित वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है। 45 मीटर लंबे इस पुल के निर्माण में 63 मजदूर और बीआरओ के अभियंता जुटे रहे।
नाले में पत्थर डालकर हो रही थी आवाजाही
आठ जुलाई को क्षेत्र में बादल फटने से द्वालीगाड़ नाला ऊफान पर आ गया था और नदी के बहाव से मोटर पुल बह गया था। पुल बहने से एक दो दिनों तक बिर्थी से लेकर मुनस्यारी तक का क्षेत्र अलग -थलग रहा। बाद में नाले में पत्थर डाल कर आवाजाही की गई। सबसे बड़ी समस्या राइंका बिर्थी में पढऩे जाने वाले डेढ़ सौ बच्चों को हुई । इस स्थान पर एक कठ पुल बनाया गया था। वाहन नाले से ही होकर चल रहे थे। वाहनों को धक्का मार कर पार कराना पड़ रहा था।
16 अगस्त को शुरू हुआ था पुल निर्माण
रामगंगा नदी पुल से मुनस्यारी तक का मार्ग भारत माला सड़क के अंतर्गत आने से इसका संचालन बीआरओ द्वारा किया जा रहा है। बीआरओ ने यहां पर 16 अगस्त से पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ किया। पुल निर्माण के लिए बीआरओ के इंजीनियरों ने 63 मजदूरों के साथ कार्य प्रारंभ किया। बुधवार को 45 मीटर पुल तैयार हुआ और वाहन पास होने लगे। द्वालीगाड़ के पास पुल नहीं होने से बिर्थी से लेकर मुनस्यारी तक का क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित रहा।
व्यापारी थे चिंतित
इधर पुल निर्माण में देरी से आने वाले 26 सितंबर से प्रारंभ होने वाले शरदकालीन पर्यटन को लेकर मुनस्यारी के होटल व्यवसायी चितिंत थे। पुल निर्माण होने पर सभी ने खुशी जताई है। पुल निर्माण होने पर बीआरओ के ओसी गणपति ने पुल निर्माण में लगे इंजीनियर्स और मजदूरों को लगातार खराब मौसम के बाद पुल समय से तैयार करने पर बधाई दी ।