उच्च हिमालय में बजा आंदोलन का बिगुल
संवाद सूत्र, धारचूला : उच्च हिमालयी व्यास घाटी में खाद्यान्न संकट और हैली सेवा को लेकर सात गांव क
संवाद सूत्र, धारचूला : उच्च हिमालयी व्यास घाटी में खाद्यान्न संकट और हैली सेवा को लेकर सात गांव के ग्रामीणों ने साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी में आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। ग्रामीणों ने भारत चीन व्यापार की मंडी और कैलास मानसरोवर के प्रमुख पड़ाव गुंजी में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए स्टेट बैंक शाखा और पुलिस थाना बंद कराया।
उच्च हिमालय की व्यास घाटी को जाने वाले पैदल मार्ग के बंद होने और सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर सेवा बंद किए जाने से यहां पर खाद्यान्न संकट बना है। उच्च हिमालय में चीन सीमा से लगे सात गांवों में स्थिति खराब है। नेपाल से चीन का राशन लाकर भूख मिट रही है। सरकार ने हेलीकॉप्टर सेवा बंद कर दी है। पैदल मार्ग बंद होने से ग्रामीण उच्च हिमालय में फंसे हैं। उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। जिसे लेकर शुक्रवार को अवैतनिक सीमा प्रहरी भड़क गए । गुंजी में सात गांवों के ग्रामीणों और भारत चीन के व्यापारियों ने प्रदर्शन किया।
इस दौरान ग्रामीणों ने गुंजी में स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा और पुलिस थाने को बंद करा दिया। ग्राम प्रधान गुंजी अर्जना गुंज्याल, भारत चीन व्यापार समिति के अध्यक्ष जीवन सिंह रौंकली, वन सरपंच कुशल सिंह गुंज्याल, उप प्रधान नपलच्यू अमर सिंह नपलच्याल, नवीन नबियाल, धरम सिंह, जसमती देवी, दीपिका और ईश्वर सिंह के नेतृत्व में सात गांवों के ग्रामीण एसबीआइ शाखा पर पहुंचे और बैंक बंद करा दिया इसके बाद पुलिस थाने को भी बंद कराया। ग्रामीणों का कहना था कि सरकार न तो मार्ग खोल रही है और नहीं हेलीकॉप्टर सेवा चला रही है। क्षेत्र में खाद्यान्न का कोटा नहीं बढ़ाया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि यहां रहने वाले ग्रामीण भारतीय नागरिक हैं या नहीं। यदि हैं तो उनके साथ अन्याय क्यों नहीं रोका जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि इन मांगों को लेकर ग्रामीणों ने पूर्व में कैलास मानसरोवर यात्रा रोकने की धमकी दी थी। तब उच्चाधिकारी और सत्ता पक्ष के नेता पहुंचे और समस्या के समाधान का आश्वासन दिया गया। जो आज तक पूरा नहीं हुआ है। केंद्र सरकार को लिख कर राशन का कोटा बढ़ाने की भरोसा दिलाया था जो आज तक पूरा नहीं हो सका। ग्रामीणों ने कहा कि अविलंब क्षेत्र के लिए हेलीकॉप्टर सेवा प्रारंभ करते हुए राशन का कोटा बढ़ाया जाए अन्यथा ग्रामीण चीन सीमा से लगे उच्च हिमालय में आंदोलन उग्र करने को मजबूर हो जाएंगे।