एक करोड़ की लागत से बने पर्यटक आवास गृह में जानवरों का बसेरा
मदकोट में एक करोड़ की लागत से बने पर्यटक आवास गृह में जानवरों का बसेरा है।
संवाद सूत्र, मदकोट : प्रदेश में सरकारी धन की बर्बादी किसी से छुपी नहीं है। एक दो लाख नहीं करोड़ों की सम्पत्तियां देखरेख के अभाव में बर्बाद हो रही है। जनता की आवाज सुनने को कोई तैयार नहीं है। जनता के धन से बनी परिसंपत्तियों की बर्बादी से लोगों में गहरा आक्रोश है।
गोरी नदी के तट पर पर्यटकों के लिए एक करोड़ से अधिक की लागत से बेहद खूबसूरत पर्यटक आवास गृह बनाया गया था। आवास गृह को बने तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसका संचालन शुरू नहीं हुआ है। दो वर्ष मदकोट नदी के उफान पर आने से पर्यटक विश्राम गृह को खासी क्षति पहुंची थी। इसके बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं होने से भवन में लगी नलों की टोटियां, बिजली के बोर्ड और अन्य समान अराजक तत्व उड़ा ले गए हैं। भवन की खिड़कियां, शीशे तोड़ दिए गए हैं। करोड़ों के इस भवन में इन दिनों क्षेत्रों के लावारिस जानवर आराम फरमा रहे हैं।
क्षेत्रवासी कई बार पर्यटक आवास गृह की सुध लिए जाने की मांग उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। ========== मदकोट आवास गृह की दयनीय हालत सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली का एक नमूना है। जनता के धन की खुली बर्बादी की जा रही है। मदकोट पर्यटक आवास गृह का शीघ्र संचालन नहीं होने पर क्षेत्र की जनता आंदोलन को बाध्य होगी।
- जगत मर्तोलिया, जिला पंचायत सदस्य ========== आपदा के चलते पर्यटक आवास गृह को खासा नुकसान हुआ था। जिसके चलते इसका संचालन नहीं हो पाया। भवन की मरम्मत का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, जल्द ही इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
- दिनेश गुरू रानी, सहायक पर्यटन प्रबंधक