तल्ला भैंस्कोट के 28 परिवारों ने प्राथमिक स्कूल में ली शरण
संवाद सूत्र नाचनी मुनस्यारी के तल्ला जोहार में शुक्रवार की रात को बादल फटने से हुई तबाही ने
संवाद सूत्र, नाचनी : मुनस्यारी के तल्ला जोहार में शुक्रवार की रात को बादल फटने से हुई तबाही ने ग्रामीणों के दर्द को बढ़ा दिया है। शासन प्रशासन राहत सामग्री के नाम कुछ देकर फिर पीठ फेर लेगा। अकेले तल्ला भैंस्कोट गांव में आपदा ने ऐसी तबाही मचाई है कि गांव के 28 परिवारों ने प्राथमिक विद्यालय में शरण ली है।
भैंस्कोट गांव में तीन मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं और तीन मकानों को काफी नुकसान पहुंचा है जबकि कई मकानों में दरारें आ चुकी हैं। तल्ला भैंस्कोट में आपदा ने ऐसा कहर ढाया कि गांव के अलग-अलग क्षेत्रों में बने सात आरसीसी पुलिया बह गए हैं। अलग-अलग तोक गांवों में बसे तल्ला भैंस्कोट के एक तोक गावों में एक-दूसरे स्थानों को आने-जाने के लिए पैदल रास्ते तक नहीं बचे हैं। चारों तरफ केवल तबाही नजर आ रही है। गांव के लिए बनी पेयजल योजना भी बह चुकी है। गांव के 28 परिवारों ने प्राथमिक विद्यालय में शरण ली है। गांव के आंतरिक पैदल मार्ग सहित गांव को जोड़ने वाले मार्ग ध्वस्त हो चुके हैं। गांव के बच्चों से लेकर वृद्ध और महिलाएं विद्यालय के कमरों में रह रहे हैं।
विद्यालय भवन में शरण लिए छोटे बच्चों को पीने के लिए दूध तक नसीब नहीं हो रहा है। पेयजल लाइन ध्वस्त होने से ग्रामीण तीन किमी दूर गधेरे से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। हिमालयन ग्राम विकास समिति के जगत दशौनी ने गांव पहुंच कर ग्रामीणों की सहायता की। आपदा पीड़ितों की मदद में जुटे दशौनी ने बताया कि विद्यालय में शरण लिए परिवारों को जल्दी से प्रशासन द्वारा सुध लिए जाने का इंतजार है।
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पंद्रह बकरियों वाला बकरीबाड़ा भी मलबे में दबा
मल्ला भैंस्कोट में ग्रामीण धरम सिंह का पंद्रह बकरियों वाला बकरीबाड़ा मलबे में दब चुका है। बकरीबाड़े के ऊपर अत्यधिक मलबा जमा है। धरम सिंह की कार भी मलबे में दबी है। गांव में केवल तबाही के मंजर देखने को मिल रहे हैं।