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सड़क बंद होने से सड़ने की कगार पर पहुंचा 200 क्विंटल सेब

संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ सीमांत तहसील धारचूला के अंतर्गत गर्बाधार-गाला सड़क 15 दिन बाद भी आवा

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 10:47 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 06:32 AM (IST)
सड़क बंद होने से सड़ने की कगार पर पहुंचा 200 क्विंटल सेब
सड़क बंद होने से सड़ने की कगार पर पहुंचा 200 क्विंटल सेब

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सीमांत तहसील धारचूला के अंतर्गत गर्बाधार-गाला सड़क 15 दिन बाद भी आवागमन के लिए नहीं खुल पाई है, इससे स्थानीय उत्पादकों का सेब सड़ने के कगार पर पहुंच गया है। किसान अपनी वर्ष भर की मेहनत पर पानी फिरने की आशंका से परेशान हैं।

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सीमांत तहसील धारचूला की दारमा वैली में उम्दा किस्म का सेब उत्पादित होता है, जिसे बिक्री के लिए पिथौरागढ़ और हल्द्वानी तक पहुंचाया जाता है। करीब 15 रोज पूर्व उत्पादकों ने सेब तोड़कर सिमखोला गांव में एकत्र कर लिया था। पैकिंग के बाद सेब बाजार तक पहुंचाया जाता इससे पहले मलबा आने से गर्बाधार-गाला सड़क बंद हो गई। 15 दिन बीत जाने के बाद भी सड़क पर आया मलबा नहीं हटाया जा सका है, जिसके चलते क्षेत्र में वाहनों का आवागमन नहीं हो पा रहा है। सिमखोला गांव में एकत्र सेब सड़ने के कगार पर पहुंच गया है। उत्पादक खासे परेशान हैं। उत्पादकों का कहना है कि वे सेब उत्पादन से मिलने वाले पैसे से ही अपनी वर्ष भर की आजीविका चलाते हैं। फसल सड़ी तो उन्हें खासा आर्थिक नुकसान होगा और इसकी जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की होगी। क्षेत्रवासियों ने बंद पड़ी सड़क को अविलंब खोले जाने की मांग की है।


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