दिवाली पर पहली बार जगमगाएंगे चीन सीमा से लगे गांव
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : चीन सीमा से लगे दर्जनों गांवों के लिए बिजली किसी कौतूहल से कम नहीं। अब
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : चीन सीमा से लगे दर्जनों गांवों के लिए बिजली किसी कौतूहल से कम नहीं। अब इन गांवों में भी इस दिवाली बल्ब की रोशनी बिखरेगी। घर की दीवारें झालरों से जगमगाएंगे। आजादी के 69 साल बाद पहली बार ऐसा होगा जब दीये के साथ ही बल्ब भी रोशन होंगे। इन गांवों को बिजली आपूर्ति का तोहफा जो मिल गया है।
अभी तक सीमांत के इन गांवों में मिट्टी तेल की ढिबरी या फिर चीड़ के छिलकों से उजाला किया जाता रहा है। उच्च हिमालयी व्यास घाटी के छह गांव सोलर ऊर्जा से जगमग हो चुके हैं तो दारमा घाटी के भी दो गांवों सहित बंगापानी और मुनस्यारी के अति दुर्गम कनार , गोरीपार के गांवों तक बिजली पहुंच चुकी है।
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सोलर ऊर्जा से जगमग हुए गांव
पिथौरागढ़: सोलर ऊर्जा से तहसील धारचूला के व्यास और दारमा घाटी के गांव ऊर्जीकृत हुए हैं। जिसमें व्यास घाटी के माइग्रेशन करने वाले बूंदी, गब्र्यांग, गुंजी , नावी, नपलच्यू, रोंगकोंग हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग में पड़ने वाले इन गांवों के तोक मालपा, सीतावन सहित अन्य तोक हैं। दारमा घाटी के बौन, फिलम, दुग्तू भी सोलर ऊर्जा से जगमग हो चुके हैं।
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ग्रिड की बिजली से जगमग हुए गांव
पिथौरागढ़: ग्रिड की बिजली से तीन राजस्व गांव सहित 18 तोक शामिल हैं। जिसमें तहसील बंगापानी का छिपलाकोट पर्वतमाला में स्थित अंतिम गांव कनार सहित इसके 18 तोक गांव,जाराजिबली और उसके पांच तोक गांव शामिल हैं। मुनस्यारी के गोरीपार सहित तहसील धारचूला के सोबला सहित अन्य तोक गांव हैं।
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मुनस्यारी के 11 गांव अगले साल होंगे जगमग
पिथौरागढ़: ऊर्जीकृत होने से वंचित रह गए मुनस्यारी के 11 गांव अगले साल जगमग होंगे। अगले वर्ष तक ऊर्जीकृत होने वाले गांवों में बिल्जू, बुर्फू , खैलांच, लास्पा, ल्वा, मापा,रालम , रिलकोट , मर्तोली, टोला आदि हैं। इसी प्रकार दारमा के चल, सेला, बौलिंग, उमचिया तथा जिप्ती आदि हैं। इन गांवों को ऊर्जीकृत करने का कार्य ग्रामीण विद्युतीकरण डिविजन हल्द्वानी के जिम्मे है। मुनस्यारी के बुइपातों गांव के ऊर्जीकरण के लिए सामग्री पहुंच चुकी है।
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एक घर में जल रहे हैं पांच बल्ब
पिथौरागढ़: अब तक बिजली के लिए तरस रहे ग्रामीणों को अब सोलर सिस्टम से अपने घर में प्रकाश के लिए पांच वाट के पांच बल्ब जलाने को मिल रहे हैं। इसके अलावा मोबाइल और टीवी के प्वाइंट मिले हैं। एकल परिवार वाले तोक में 117 यूनिट सिंगल हाउस होल्ड तो गांव को 134 यूनिट 8 हाउस होल्ड मिला है। इससे आठ परिवारों को संयोजन दिए जाते हैं। पूरा सिस्टम डीसी सिस्टम है।
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विद्युतीकरण से वंचित गांवों को ऊर्जीकृत करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 6.36 करोड़ का बजट दिया गया है। विद्युतीकरण के लिए टेंडर लग चुके हैं। उच्च हिमालयी गांवों में आने वाले दिनों में भारी हिमपात होने से कार्य संभव नहीं है। अगले वर्ष अप्रैल और मई से विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
सीएस बसनेत, अधिशासी अभियंता, ऊर्जा निगम धारचूला