शोध कार्यों में समर्पण, निष्ठा और अनुशासन जरूरी
शोध प्रावधि (रिसर्च मेथडोलॉजी) पर सात दिवसीय कार्यशाला सोमवार से शुरू हो गई। गढ़वाल केंद्रीय विवि श्रीनगर के फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की ओर से ऐकेडमिक एक्टिविटी सेंटर के सभागार में आयोजित कार्यशाला में विभिन्न राज्यों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सेवारत 45 से अधिक शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:
शोध प्रावधि (रिसर्च मेथडोलॉजी) पर सात दिवसीय कार्यशाला सोमवार से शुरू हो गई। गढ़वाल केंद्रीय विवि श्रीनगर के फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की ओर से ऐकेडमिक एक्टिविटी सेंटर के सभागार में आयोजित कार्यशाला में विभिन्न राज्यों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सेवारत 45 से अधिक शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं।
कार्यशाला की शुरुआत बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली विवि की प्रो. वसुधा पांडे, जीबी पंत हिमालयन इंस्टीट्यूट के गढ़वाल प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. आरके मैखुरी, गढ़वाल विवि फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की निदेशक प्रो. इंदु पांडे खंडूड़ी ने दीप जलाकर की। प्रो. वसुधा पांडे ने कहा कि शोध कार्यों में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पूर्ण समर्पण, निष्ठा और अनुशासन के साथ कार्य करना जरूरी है। क्षेत्र से संबंधित विषयों और आवश्यकताओं को शोध में केंद्रित करने पर भी उन्होंने विशेष जोर दिया। विशिष्ट अतिथि डॉ. आरके मैखुरी ने कहा कि शोध सतत ग्रामीण विकास पर केंद्रित होने चाहिए। जिसमें वन, कृषि, पशुपालन जैसे मुद्दे भी विशेष रूप से शामिल किए जाएं। शोध कार्यों में पर्यावरणीय और अर्थशास्त्रीय सामंजस्य तथा संतुलन बनाने पर भी डॉ. मैखुरी ने विशेष जोर दिया। गढ़वाल विवि फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की निदेशक और कार्यशाला की संयोजक प्रो. इंदु पांडे खंडूड़ी ने कहा कि केवल शैक्षणिक गतिविधियों तक ही शोध सीमित नहीं रहने चाहिए। कहा कि सामाजिक मुद्दों के साथ ही उनके विश्लेषण पर भी शोध केंद्रित होने जरूरी हैं। प्रो. इंदु पांडे ने कार्यशाला के मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए गढ़वाल विवि रसायन विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. गीता पंत जोशी ने कहा कि समाज की मुख्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शोध होने चाहिए, जिससे समाज भी सीधे लाभान्वित हो। डॉ. कविता भट्ट ने समारोह का संचालन किया। डॉ. विजय प्रकाश ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।