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कर रहे नेकी, भर रहे घाव

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही सामाजिक संस्था वॉल ऑफ काइंडनेस

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 04:13 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 04:13 PM (IST)
कर रहे नेकी, भर रहे घाव
कर रहे नेकी, भर रहे घाव

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही सामाजिक संस्था वॉल ऑफ काइंडनेस (नेकी की दीवार) इन दिनों पेड़ों को उन घावों से मुक्त करने में जुटी है, जो व्यवसायियों ने उन्हें दिए हैं। तमाम नियम-कानूनों को ताक पर रख अपने व्यवसाय का प्रचार-प्रसार करने के लिए व्यवसायी पेड़ों पर कील ठोक होर्डिंग टांग रहे हैं, जिससे पेड़ों को नुकसान पहुंच रहा है।

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व्यवसायी पैसों के लालच में प्रकृति का 'खून' कर रहे है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। क्षेत्रों में व्यवसायी पेड़ों पर कीलें ठोक अपने होर्डिंग टांग रहे हैं, जिससे न सिर्फ पेड़ों की सेहत बिगड़ रही है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी खतरा पैदा हो रहा है। पेड़ सूख रहे हैं व हल्के हवा के झोंके में भी उनके टूटने का खतरा बना है। कोटद्वार क्षेत्र ही नहीं, पर्यटन नगरी लैंसडौन के होटल व्यवसायियों ने भी पेड़ों को प्रचार का माध्यम बनाया हुआ है। होटल व्यवसायियों ने कोटद्वार-लैंसडौन मोटर मार्ग पर सड़क किनारे पेड़ों में अपने होटल के बोर्ड टांगे हुए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि प्राकृतिक सौंदर्य का लालच दे पर्यटकों को लैंसडौन बुलाने वाले होटल व्यवसायी स्वयं प्रकृति के दुश्मन बने हुए हैं। यहां यह बताते चलें कि पेड़ों पर कील आदि ठोकना ट्री प्रोटेक्शन एक्ट की तहत अपराध है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि वन महकमे ने कभी पेड़ों पर टंगे इन होर्डिग्स की ओर झांकने की जहमत ही नहीं उठाई। ट्री प्रोटेक्शन एक्ट के तहत पेड़ों पर कील ठोकना व किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचाना अपराध की श्रेणी में आता है और पेड़ पर कील ठोकने वाले के विरूद्ध पांच हजार तक का जुर्माना हो सकता है। इतना ही नहीं, गलती दोहराए जाने पर 15 दिनों की सजा का भी प्रावधान है। सो रहा महकमा, जागी संस्था

वन महकमे की ओर से भले ही पेड़ों पर कीलें ठोकने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई न की गई हो, लेकिन वॉल ऑफ काइंडनेस (नेकी की दीवार) संस्था ने पेड़ों को बचाने के लिए मुहिम छेड़ दी है। संस्था की ओर राजमार्ग के दोनों ओर खड़े पेड़ों पर लगे होर्डिंग हटाने के साथ ही पेड़ों में ठोकी गई कीलें भी हटाई जा रही हैं। संस्था के संस्थापक मनोज नेगी ने बताया कि संस्था कोटद्वार से लैंसडौन के मध्य पेड़ों पर लगे होर्डिंग हटाने के साथ ही कीलें भी निकालेंगे। साथ ही लोगों से पेड़ों पर कील न ठोंकने की भी अपील की जाएगी। संदेश : 21 कोटपी 1

कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य पेड़ों पर लगे होर्डिंग हटाते संस्था के सदस्य।


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