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गायब रहने वालों की खैर नहीं

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: बेस अस्पताल के आकस्मिक विभाग में आने वाले रोगियों के उपचार में कमिय

By Edited By: Published: Fri, 17 Oct 2014 08:45 PM (IST)Updated: Fri, 17 Oct 2014 08:45 PM (IST)

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: बेस अस्पताल के आकस्मिक विभाग में आने वाले रोगियों के उपचार में कमियां देख प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा निदेशक का पारा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। उन्होंने इमरजेंसी विभाग में ड्यूटी पर तैनात ईएमओ को फटकार भी लगायी। श्रीनगर मेडिकल कालेज में कालेज अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि नियमों के विपरीत अवकाश के नाम पर गायब रहने वालों की खैर नहीं।

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बेस अस्पताल के आकस्मिक विभाग की व्यवस्था में सुधार लाने को लेकर उन्होंने बेस के इमरजेंसी विभाग में तैनात छह इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। बेस अस्पताल और श्रीनगर मेडिकल कालेज से अवकाश की बिना अनुमति और स्वीकृति के ही गायब रहने वाले फैकल्टियों और कर्मचारियों को लेकर भी चिकित्सा शिक्षा निदेशक के तेवर कड़े दिखे। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डा. आरपी भट्ट ने मेडिकल कालेज की प्राचार्य और बेस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि बिना अवकाश स्वीकृति के गायब रहने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाए व उन्हें भी सूचित किया जाए। उपस्थिति रजिस्टर का प्रत्येक दिन सत्यापन करें। कई लोग महीने में कई-कई दिन तक गायब रहते हैं। यह अब नहीं चलेगा।

बेस अस्पताल के निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से बातचीत में चिकित्सा शिक्षा निदेशक डा. आरपी भट्ट ने कहा कि मेडिकल कालेज और बेस अस्पताल की प्रशासनिक व्यवस्था को ढर्रे पर लाने का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है। नियमों के तहत ही अवकाश स्वीकृत करने को सुनिश्चित किया जाएगा।

अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था होगी

बेस अस्पताल में रोगियों के अल्ट्रासाउंड कराने को लेकर रेडियोलॉजिस्ट की व्यवस्था की जाएगी। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आरपी भट्ट ने कहा कि इस सम्बन्ध में वह निजी क्षेत्र के रेडियोलॉजिस्टों के कार्य करने के प्रस्ताव पर भी विचार कर रहे हैं। बेस अस्पताल में पिछले तीन सालों से रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने से अल्ट्रासाउंड भी बंद है। नैफरोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट की सुविधाएं भी उपलब्ध कराने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं।

देश का सर्वश्रेष्ठ वेतनमान होगा

श्रीनगर मेडिकल कालेज की फैकल्टियों के वेतन में शीघ्र ही सुधार होने जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डा. आरपी भट्ट ने बताया कि इसके लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णयों की संस्तुति सरकार को प्रेषित कर दी गयी है।

17 एस.आर.आइ3--- श्रीनगर मेडिकल कालेज की व्यवस्थाओं को लेकर कालेज अधिकारियों के साथ बैठक करते प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा निदेशक। जागरण


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