अधर में लटकी पेयजल योजना, संकट में ग्रामीण
पौड़ी जिले के थलीसैंण ब्लॉक के टीला और बमोर्थ गांव में लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। क्योंकि गांव के लिए स्वीकृत नई पेयजल योजना अधर में लटकी हुई है।
By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 03 Feb 2018 06:20 PM (IST)Updated: Sat, 03 Feb 2018 10:46 PM (IST)
v style="text-align: justify;">पौड़ी, [जेएनएन]: विकास खंड थलीसैंण के दूरस्थ गांव टीला और बमोर्थ के ग्रामीण विगत पांच सालों से पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं। गांव की पुरानी पेयजल पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। स्वीकृत नई पेयजल योजना अधर में लटकी हुई है। लेकिन स्थानीय प्रशासन, पेयजल निगम ग्रामीणोंकी सुध नहीं ले रहा है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से समस्या के निस्तारण नहीं होने पर गांव से गुजरने वाली चाखलाघाट पेयजल लाइन को बंद करने की चेतावनी दी है।
जिला मुख्यालय पौड़ी में टीला और बमोर्थ के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मुलाकात की। इस मौके पर ग्राम प्रधान टीला सते सिंह नेगी, पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख व क्षेत्र पंचायत सदस्य सोबत सिंह ने बताया कि वर्ष 1988-89 में गांव की पेयजल व्यवस्था के लिए भुरगढ़ी-टीला योजना का निर्माण हुआ था। जिसकी पेयजल लाइन विगत पांच वर्षों से क्षतिग्रस्त हो पड़ी है। इससे ग्रामीणों को पेयजल की कमी से जूझना पड़ रहा है।
ग्रामीणों की मांग पर वर्ष 2016 में टीला पेयजल योजना स्वीकृत हुई। लेकिन निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि पेयजल निगम की अनदेखी के चलते दोनों गांवों के 300 से अधिक परिवार पेयजल को लेकर परेशान हैं। इसके बाद जिलाधिकारी सुशील कुमार ने ग्रामीणों को पेयजल निगम कार्यालय भेज अधिशासी अधिकारी को समस्याओं के समाधान का निर्देश दिया। अधिशासी अधिकारी पीसी गौतम ने बताया कि वन विभाग की आपत्तियों के चलते टीला पेयजल योजना का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। लेकिन निगम ने योजना के निर्माण को लेकर कसरत तेज कर दी है।
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