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छात्रों ने फूंका कुलपति का पुतला

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: मांगों को लेकर अभी तक सकारात्मक कार्यवाही नहीं होने और कुलपति से वा

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 06:10 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:10 PM (IST)
छात्रों ने फूंका कुलपति का पुतला
छात्रों ने फूंका कुलपति का पुतला

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: मांगों को लेकर अभी तक सकारात्मक कार्यवाही नहीं होने और कुलपति से वार्ता का समय न मिलने के विरोध में आर्यन छात्र संगठन ने विवि छात्रसंघ सचिव के नेतृत्व में बिड़ला परिसर श्रीनगर में कुलपति का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना था कि बीते दिसम्बर महीने में छात्रों की मांगों को लेकर वार्ता में कुलपति ने मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

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बीए, बीएससी, बीकॉम में ऑनर्स कोर्स शुरू करने, बिड़ला और चौरास परिसर में छात्रों के लिए स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा हर समय उपलब्ध करवाने के साथ ही सभी कक्षाओं में कॉलर माइक की व्यवस्था सुचारु रूप से करने सहित अन्य 13 प्रमुख मांगों को लेकर विवि प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही न करने पर आर्यन छात्र संगठन ने विवि छात्रसंघ महासचिव प्रदीप रावत के नेतृत्व में बिड़ला परिसर में कुलपति का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व महासचिव रामप्रकाश के साथ ही शुभमदीप गोस्वामी, अंकित झिक्वाण, आकाश बिष्ट, हिमांशु बिष्ट, नवीनकांत सहित अन्य छात्र भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल थे। गढ़वाल विवि छात्रसंघ सचिव प्रदीप रावत ने कहा कि बुधवार को कुलपति से मिलने के लिए भी समय नहीं दिया गया जबकि वह आधा घंटा कुलपति सचिवालय में रहे। छात्रों की मांगों को लेकर बीते दिसम्बर महीने में विश्वविद्यालय को ज्ञापन दिया गया था उस समय कुलपति ने मांगों पर जनवरी तक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। विश्वविद्यालय के बिड़ला परिसर श्रीनगर और चौरास परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के साथ ही चौरास स्टेडियम का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने, परीक्षा परिणाम समय से घोषित करने, विवि के दोनों परिसरों में कूड़ेदानों की पर्याप्त व्यवस्था करने, चौरास परिसर में दो, बिड़ला परिसर में एक एलईडी सूचना बोर्ड लगाने, विश्वविद्यालय में डॉ. भीमराव आम्बेडकर की मूर्ति स्थापित करने की प्रमुख मांग है। प्रदीप रावत और रामप्रकाश ने कहा कि दस रुपए शुल्क देकर आरटीआइ में उत्तर पुस्तिका मांगने पर उसका 600 रुपये शुल्क लिया जाता है। जिसे कम किया जाए।


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