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ऐसे तो थम गई दुर्घटनाओं की गति..

जागरण संवाददाता कोटद्वार परिवहन महकमा लाइसेंस जारी करने से पूर्व प्रशिक्षण के मामले में

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 09:02 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 06:17 AM (IST)
ऐसे तो थम गई दुर्घटनाओं की गति..

कोटद्वार : परिवहन महकमा लाइसेंस जारी करने से पूर्व प्रशिक्षण के मामले में किस कदर संजीदा है, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लंबा समय बीतने के बाद भी कोटद्वार में ऑटोमेटेड ड्राइविग टेस्ट ट्रैक व ऑटोमेटेड टेस्टिंग लेन की स्थापना नहीं हो पाई है।

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जागरण संवाददाता, कोटद्वार : परिवहन महकमा लाइसेंस जारी करने से पूर्व प्रशिक्षण के मामले में किस कदर संजीदा है, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लंबा समय बीतने के बाद भी कोटद्वार में ऑटोमेटेड ड्राइविग टेस्ट ट्रैक व ऑटोमेटेड टेस्टिंग लेन की स्थापना नहीं हो पाई है।

दलालों के जरिये लाइसेंस हासिल कर सड़कों पर वाहन दौड़ाने वाले लापरवाह और नौसिखिये चालकों पर लगाम कसने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से प्रदेश में दस स्थानों पर ऑटोमेटेड ड्राइविग टेस्टिंग ट्रैक व ऑटोमेटेड टेस्टिंग लेन बनाने की योजना तैयार की गई। प्रदेश सरकार को इन दो योजनाओं के लिए केंद्र को भूमि मुहैया करवानी थी। दरअसल, सड़क हादसों के पीछे मानवीय भूल एक बड़ा कारण सामने आता है। तकरीबन अस्सी फीसद सड़क दुर्घटनाएं वाहन चालकों की लापरवाही से होती हैं। जिसमें नौसिखिया वाहन चालक सबसे अधिक वाहन दुर्घटनाओं का कारण होते हैं। अभी तक कई परिवहन कार्यालयों में सिम्युलेटर पर ड्राइविग टेस्ट लेकर चालकों को लाइसेंस जारी किए जाते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में वाहन चालक का वास्तविक टेस्ट नहीं हो पाता है। केंद्र की मंशा थी कि लाइसेंस की परीक्षा ऑटोमेटेड ड्राइविग टेस्ट ट्रेक पर हो। कोटद्वार में भी ऑटोमेटेड ड्राइविग टेस्ट ट्रैक व ऑटोमेटेड टेस्टिग लेन के लिए भूमि की तलाश की गई, लेकिन दो वर्ष बाद भी केंद्र की यह योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाई हैं।

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यह है वर्तमान स्थिति

कोटद्वार में ऑटोमेटेड ड्राइविग टेस्ट ट्रैक के लिए सत्तीचौड़ में 0.400 हेक्टेयर व ऑटोमेटेड टेस्टिंग लेन के लिए काशीरामपुर में 0.965 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया। सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय की ओर से चयनित भूमि के संबंध में शासन में प्रस्ताव भी भेजा गया, लेकिन दोनों योजनाओं पर अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है। नतीजा, आज भी कोटद्वार के एआरटीओ कार्यालय में सिम्युलेटर के जरिये ड्राइविग टेस्ट लिया जा रहा है। यदि ऑटोमेटेड ड्राइविग टेस्ट ट्रैक व ऑटोमेटेड टेस्टिग लेन का निर्माण होगा तो लाइसेंस आवेदक को विभिन्न परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ेगा।

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परीक्षा में इन मानकों पर उतरना होगा खरा

समानांतर पार्किंग करने की दक्षता

एट (8) की आकृति बनाने की परीक्षा

गाड़ी से रिवर्स गियर में एस (ह्य) बनाना।

ढाल में खड़ी गाड़ी को बिना पीछे आए आगे चढ़ाई पर चढ़ाना (केवल 15 इंच की छूट)।

दोपहिया वाहनों को दो बार एट (8) की आकृति बनाने की परीक्षा।

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'ऑटोमेटेड ड्राइविग टेस्ट ट्रैक व ऑटोमेटेड टेस्िटग लेन के लिए भूमि का चयन कर प्रस्ताव शासन में भेज दिया गया है। शासन से बजट आवंटित होने के बाद ही दोनों योजनाओं पर कार्य शुरू हो पाएगा।

..आरएस कटारिया, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, कोटद्वार'


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