फाइलों में अनुमति, उपकरणों पर लगा जंक
कोटद्वार नगर निगम को आमजन के स्वास्थ्य से कोई सरोकार नहीं।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार :
कोटद्वार नगर निगम को आमजन के स्वास्थ्य से कोई सरोकार नहीं। एक ओर क्षेत्र में बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है, वहीं दूसरी ओर कोटद्वार में बगैर चिकित्सकीय परीक्षण के मांस की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। लाइसेंस होते हुए भी नगर निगम स्लाटर हाउस का संचालन नहीं कर रहा है। करीब डेढ़ लाख की आबादी वाले कोटद्वार नगर निगम में वर्तमान में 72 मांस विक्रेता मांस बेच रहे हैं।
2.59 वर्ग किमी में फैले कोटद्वार नगर पालिका का गठन वर्ष 1949 में हुआ। जबकि छह अप्रैल 2018 को नगर निगम का गठन हुआ तो नगर पालिका का क्षेत्रफल 52 वर्ग किमी हो गया। नगर पालिका गठन के कुछ वर्षों बाद ही मोहल्ला आमपड़ाव में स्लाटर हाउस का निर्माण किया गया। स्लाटर हाउस से कुछ दूरी पर ही मीट मार्केट बनाया गया। वर्ष 1993 में स्लाटर हाउस को बंद कर दिया गया व उसके बाद मांस विक्रेता अपनी दुकानों पर ही मांस काट बिक्री करने लगे और वर्तमान में भी यही स्थिति है। वर्ष 2008 में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने कार्य करना शुरू कर दिया। प्राधिकरण ने खुले में मांस काटे व बेचे जाने पर आपत्ति जताई तो तत्कालीन नगर पालिका प्रशासन ने वर्ष 2014 में मोहल्ला गाड़ीघाट में स्लाटर हाउस का निर्माण करवा दिया। स्लाटर हाउस भवन बने छह वर्ष बीत गए हैं। लेकिन, आज तक इस भवन में लटके ताले नहीं खुले हैं। यह है वर्तमान स्थिति
कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में अधिकांश दुकानों में खाद्य सुरक्षा मानकों को ताक में रख मांस की बिक्री हो रही है। विभाग की सख्ती के बाद नगर निगम प्रशासन ने दिसंबर 2019 में गाड़ीघाट में बने स्लाटर हाउस में प्राधिकरण के मानकों के अनुरूप 21 लाख की लागत से स्लाटर हाउस के लिए विभिन्न उपकरणों की खरीद की गई। मार्च 2020 में प्राधिकरण ने नगर निगम को स्लाटर हाउस संचालन की अनुमति प्रदान करते हुए लाइसेंस जारी कर दिया। आठ माह से अधिक समय बीत गया है, लेकिन आज तक निगम ने स्लाटर हाउस का संचालन शुरू नहीं किया है।
कोरोना के कारण स्लाटर हाउस का संचालन शुरू नहीं हो पाया। स्लाटर हाउस को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर संचालित किया जाना है, जिसके लिए जल्द ही निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। पीएल शाह, नगर आयुक्त, कोटद्वार नगर निगम