Move to Jagran APP

इस गांव में जीवन के आखिरी पड़ाव में पानी को भटक रहे हैं बुजुर्ग, जानिए

पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक स्थित ग्राम बरसूड़ी के बुजुर्ग जिंदगी के आखिरी पड़ाव में पानी को भटक रहे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 08:25 PM (IST)
इस गांव में जीवन के आखिरी पड़ाव में पानी को भटक रहे हैं बुजुर्ग, जानिए

सतपुली(पौड़ी), गणेश काला। पहाड़ के लिए 'लाइफ लाइन' कही जाने वाली सड़कें अव्यवस्थाओं के चलते आमजन के लिए जी का जंजाल बन गई हैं। अनियोजित ढंग से सड़कों के निर्माण से जहां एक ओर खेत-खलिहान और आम रास्ते नेस्तनाबूद हो रहे हैं, वहीं पेयजल लाइन ध्वस्त होने से लोगों को पानी के लिए भी भटकना पड़ रहा है। कुछ ऐसी ही मुश्किलों से जूझ रहे हैं पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक स्थित ग्राम बरसूड़ी के बुजुर्ग। पिछले एक वर्ष से सड़क के मलबे से क्षतिग्रस्त पेयजल योजना ठप होने से बेबस बुजुर्ग ढाई किमी दूर जंगल के प्राकृतिक स्रोत से पानी ढोने को मजबूर हैं। 

loksabha election banner

पौड़ी जिले का बरसूड़ी गांव भी अन्य गांवों की तरह रोजगार और शिक्षा के लिए हो रहे पलायन के चलते लगभग सूना हो चुका है। गांव में अब आखिरी सांस तक रहने की हसरत रखने वाले दर्जनभर बुजुर्ग ही रह गए हैं। लेकिन, बरसूड़ी से आगे ग्राम भलगांव और भिलड़गांव को जोड़ने के लिए बन रही सड़क इन लाचार बुजुर्गों लिए अभिशाप बन गई है। सड़क के मलबे से पिछले साल से गांव की पेयजल योजना क्षतिग्रस्त पड़ी है। 

ग्रामीण विजय कुकरेती बताते हैं कि उम्र के आखिरी पड़ाव में लाचार बुजुर्गों की रात घनघोर जंगल के बीच स्थित प्राकृतिक स्रोत से पानी ढोने में बीत रही है। दिल का ऑपरेशन कराने के बाद शुद्ध हवा-पानी की चाह में गांव लौटे रिटायर शिक्षक दुर्गादत्त कुकरेती के साथ ही मंगतराम, जयचंद कुकरेती, सर्वेश्वरी देवी, कपोत्री देवी, लक्ष्मी देवी, मंगली देवी ऐसे बुजुर्ग हैं, जिनकी आयु 75 से 85 साल के बीच है। लेकिन, आज भी हलक तर करने के लिए इन्हें अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। पानी को दौड़ लगाते यह बुजुर्ग हर वक्त सिस्टम को कोसते हुए यही बुदबुदाते रहते हैं कि 'हे भगवान! कहीं यह लाइफ लाइन हमारी डेथ लाइन न बन जाए।' 

जिलाधिकारी का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है। संबंधित विभाग से योजना की पूरी जानकारी ली जा रही है। साथ ही लोक निर्माण विभाग को अविलंब क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों की मरम्मत के लिए निर्देशित किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: इन महिलाओं ने पेयजल संकट से दिलाई निजात, साथ ही साग-सब्जी का उत्पादन कर पैदा किया रोजगार

यह भी पढ़ें: भा रहा है भोजन की बर्बादी रोकने वाला ये अनचाहा 'मेहमान', जानिए इसके बारे में

यह भी पढ़ें: मिट्टी से चित्रकारी कर कला को नई दृष्टि दे रहा देहरादून का आयुष, पढ़िए पूरी खबर 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.