ग्रामीणों की सूझबूझ से पास नहीं फटका कोरोना
पौड़ी जिले के एकेश्वर ब्लॉक की डोबल ग्रामसभा आज भी कोरोना की काली छाया से पूरी तरह सुरक्षित है।
रतनमणि भट्ट, पाटीसैंण (पौड़ी)
पौड़ी जिले के एकेश्वर ब्लॉक की डोबल ग्रामसभा आज भी कोरोना की काली छाया से पूरी तरह सुरक्षित है। इसका श्रेय सरकारी मशीनरी को नहीं, बल्कि ग्रामीणों की सूझबूझ, एकजुटता व दृढ़ इच्छाशक्ति को जाता है। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ग्रामीणों ने जो नियम-कायदे तय किए थे, उनका आज भी कड़ाई से अनुपालन हो रहा है। ग्राम सभा के हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी का एहसास है। इसलिए वह नियमों से कभी समझौता नहीं करता।
ग्राम केशरपुर व नौगांव (कफोला) को मिलाकर बनी ग्राम सभा डोबल में 250 से अधिक परिवार रहते हैं, जिनकी आबादी 550 के आसपास होगी। बीते वर्ष जब उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा तो ग्रामीणों ने अपनी ग्रामसभा को कोरोना की परछाई से दूर रखने का निर्णय लिया। पूर्व प्रधान राजकमल सिंह नेगी बताते हैं कि ग्रामीणों ने एकमत से प्रवासियों को ग्राम सभा से बाहर क्वारंटाइन करने का निर्णय लिया। इसके लिए ग्रामसभा से करीब पांच किमी दूर स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के भवन को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में विकसित किया गया। यह भी तय हुआ कि हर सप्ताह पूरी ग्राम सभा को सैनिटाइज किया जाएगा। इसकी कमान महिलाओं ने संभाली।
ग्राम प्रधान हेमंती देवी बताती हैं कि बीते एक वर्ष से कोई भी महीना ऐसा नहीं बीता, जब ग्रामसभा को सैनिटाइज न किया गया हो। महिलाएं पेयजल स्रोतों के आसपास भी लगातार कीटनाशक की छिड़काव करती हैं। बताया कि ग्रामसभा में सफाई का जिम्मा युवाओं को सौंपा गया है। युवाओं की टीम गांव की ओर आने वाले रास्तों के दोनों ओर उगने वाली झाड़ियों को हटाकर उन्हें साफ-सुथरा रखती है। साथ ही शादी-ब्याह के मौके पर कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन भी करवाती है। महिला स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष नैनसी नेगी बताती हैं कि ग्रामसभा में मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलने की अनुमति है। साथ ही शारीरिक दूरी के नियमों का अनुपालन करने के निर्देश भी ग्रामीणों को दिए गए हैं।
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निगेटिव रिपोर्ट पर ही गांव में प्रवेश
ग्राम प्रधान हेमंती देवी बताती है कि गांव में आने वाले प्रवासियों के लिए कोरोना की निगेटिव जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। ऐसा न होने पर आज भी प्रवासियों को गांव के बाहर क्वारंटाइन किया जाता है। बताया कि प्रवासी भी व्यवस्था में पूर्ण सहयोग दे रहे हैं और कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लेकर ही गांव की ओर आ रहे हैं।