गढ़वाल विवि में खुलेगी आरटीपीसीआर लैब
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में आरटीपीसीआर प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में आरटीपीसीआर प्रयोगशाला स्थापित होने जा रही है। इससे भविष्य में कोरोना वायरस की जांच विश्वविद्यालय में भी होगी। लैब के लिए समस्त उपकरण के साथ ही लैब स्थापना में होने वाले खर्च का वहन भी प्रदेश का चिकित्सा शिक्षा विभाग करेगा। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग शीघ्र ही लैब स्थापना के लिए डीपीआर भी बनवाएगा। कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल इस लैब को अतिआधुनिक उपकरणों से सुसज्जित वायरलॉजी लैब बनवाना चाहती हैं, जिससे भविष्य में अन्य किसी भी प्रकार के वायरस की भी जांच सुविधा इस लैब में हो सके।
दून मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. हेमचंद्रा ने इस संबंध में गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल से दूरभाष पर वार्ता भी की। जिस पर आरटीपीसीआर लैब स्थापित करने पर कुलपति ने सहमति व्यक्त की। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास परिसर स्थित माइक्रोबायोलॉजी विभाग में यह लैब बनेगी, जिसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को स्थान विभाग के समीप ही विवि उपलब्ध कराएगा। प्रस्तावित आरटीपीसीआर/वायरलॉजी लैब के लिए कर्मचारी विश्वविद्यालय उपलब्ध कराएगा।
मेडिकल यूनिवर्सिटी देहरादून के कुलपति डॉ. हेमचंद्रा और चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक और अन्य उच्चाधिकारियों के साथ कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की हुई वार्ता में सहमति बनी है कि लैब के लिए विवि के संबंधित कर्मचारियों और शोध छात्रों को चिकित्सा शिक्षा विभाग ट्रेनिग दिलवाएगा। यह प्रशिक्षण श्रीनगर मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मिल सकता है। लैब की उपकरणों सहित पूर्ण रूप से स्थापना चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से की जाएगी।
कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष से कहा है कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए विभाग में मेडिकल लैब टेक्नालॉजी पाठ्यक्रम भी शुरू करवाने की तैयारियों की जाएं, जिससे भविष्य में विश्वविद्यालय में यह रोजगारपरक पाठ्यक्रम भी शुरू हो सके।