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चुनाव पैकेज,,हरक, दलीप और सुरेंद्र की प्रतिष्ठा दांव पर

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कोटद्वार नगर निगम चुनाव रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। भाजपा औ

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 03:00 AM (IST)
चुनाव पैकेज,,हरक, दलीप और सुरेंद्र की प्रतिष्ठा दांव पर
चुनाव पैकेज,,हरक, दलीप और सुरेंद्र की प्रतिष्ठा दांव पर

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कोटद्वार नगर निगम चुनाव रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। भाजपा और कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए जहां पूरा जोर लगाए हैं, वहीं निर्दलीय प्रत्याशी विभा चौहान भी पूरे दम के साथ मैदान में हैं। भाजपा के साथ ही जहां प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक ¨सह रावत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, वहीं पार्टी प्रत्याशी के रूप में लैंसडौन के विधायक दलीप रावत की पत्नी नीतू रावत के मैदान में होने के कारण स्वयं दलीप रावत की भी प्रतिष्ठा दांव पर है। कांग्रेस ने टिकट बंटवारे को लेकर मचे घमासान के साथ ही पार्टी की अंदरूनी कलह को थामने के लिए मैदान में प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य एवं पेयजल मंत्री सुरेंद्र ¨सह नेगी की पत्नी हेमलता नेगी को मैदान उतारकर सीधे तौर पर सुरेंद्र ¨सह नेगी के सिर प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा हुआ है।

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कोटद्वार नगर निगम चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष तय है। कांग्रेस की बात करें तो पार्टी भले ही प्रत्यक्ष तौर पर बगावत से न जूझ रही हो, लेकिन इस बात से भी पूरी तरह इन्कार नहीं किया जा सकता कि पार्टी के वोट बैंक पर सेंध न लगे। पार्टी के लिए इस सीट को जीतना कितना जरूरी है कि इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र ¨सह नेगी ने चुनाव की पूरी कमान अपने हाथों में ली हुई है और स्वयं जीत की रणनीति बना रहे थे। पार्टी के स्टार प्रचारक बनाए जाने के बाद भी सुरेंद्र ¨सह नेगी क्षेत्र से बाहर नहीं निकल पाए।

भाजपा की बात करें तो कोटद्वार में भाजपा के लिए बगावत भारी पड़ सकती है। पार्टी से बगावत कर तीन प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें पूर्व जिलाध्यक्ष धीरेंद्र चौहान की पत्नी विभा चौहान ने दमदार तरीके से अपनी मौजूदगी का अहसास न सिर्फ भाजपा, बल्कि आमजन को भी कराया है। पूर्व पालिकाध्यक्ष शशि नैनवाल व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुधा सती भी भाजपा के कैडर में सेंधमारी कर रही हैं। उक्रांद प्रत्याशी उषा सजवाण की बात करें तो वे भी कहीं न कहीं भाजपा को ही नुकसान पहुंचा रही हैं। चुनावी दंगल में उतरी बसपा प्रत्याशी शोभा बहुगुणा भंडारी कांग्रेस के वोट बैंक पर सेंधमारी करती नजर आ रही हैं। ऐसे हालात में प्रत्याशी भी जीत के दावे करने से परहेज कर रहे हैं। इधर, मतदाताओं की चुप्पी भी प्रत्याशियों की धड़कन बढ़ा रही है।


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