खेत में करंट की चपेट में आकर हाथी की मौत,वन विभाग ने खेत मालिक के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा
पौड़ी जिले में कोटद्वार के पास करंट की चपेट में आने से एक मादा हाथी की मौत हो गई। उसका शव एक खेत के किनारे मिला है। वन विभाग के अफसरों के अनुसार खेत की सीमा में जंगली जानवरों को रोकने के लिए बिजली की तार बिछाई गई थी।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल): पौड़ी जिले में कोटद्वार के पास करंट की चपेट में आने से एक मादा हाथी की मौत हो गई। उसका शव एक खेत के किनारे मिला है। वन विभाग के अफसरों के अनुसार खेत की सीमा में जंगली जानवरों को रोकने के लिए बिजली की तार बिछाई गई थी। वन विभाग ने खेत के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। उत्तराखंड में वर्ष 2001 से अब तक 42 हाथी करंट का शिकार हो चुके हैं।
जंगल से गुजर रही हाईटेंशन लाइनें तो हाथियों की जान पर भारी पड़ ही रही है, लेकिन जंगल से सटे खेतों की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों द्वारा बिछाई गई बिजली की तारें भी उनके लिए मौत का कारण बन रही हैं। रविवार सुबह लैंसडौन वन प्रभाग की लालढांग रेंज में चिलरखाल चेक पोस्ट के पास वन कर्मचारियों ने गश्त के दौरान खेत के किनारे एक हाथी का शव देखा। उन्होंने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी। सूचना पर प्रभागीय वनाधिकारी दीपक कुमार, उप प्रभागीय वनाधिकारी गिरीश चंद्र बेलबाल और रेंज अधिकारी ङ्क्षबदरपाल ङ्क्षसह वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची। प्रभागीय वनाधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि यह खेत चिलरखाल गांव के प्रेम सिंह का है। खेत में गेहूं की फसल है। उन्होंने बताया कि हाथी की उम्र करीब 20 वर्ष है और उसकी सूूंड पर जलने के निशान थे और मुहं में गेहूं की बालियां भी थी। वन विभाग की टीम ने शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम करने वाले पशु चिकित्सक डॉ.बीएम गुप्ता ने बताया कि मौत करंट से हुई है।
राज्य में करंट से हाथियों की मौत
वर्ष------------------- संख्या
2001------------------- 02
2002------------------- 03
2003------------------- 03
2004------------------- 01
2005------------------- 02
2007------------------- 02
2008------------------- 04
2009------------------- 02
2010------------------- 01
2011------------------- 02
2012------------------- 01
2013------------------- 01
2014------------------- 04
2015------------------- 01
2016-------------------04
2017------------------- 03
2019------------------- 03
2020------------------- 02
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