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अतिक्रमण मामले में उच्च न्यायालय पर निगाहें

राष्ट्रीय राजमार्ग में फुटपाथ/बरामदे में हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम के साथ ही व्यापारियों की निगाहें एक बार फिर उच्च न्यायालय पर जाकर टिक गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 09:53 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 09:53 PM (IST)
अतिक्रमण मामले में उच्च न्यायालय पर निगाहें

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: राष्ट्रीय राजमार्ग में फुटपाथ/बरामदे में हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम के साथ ही व्यापारियों की निगाहें एक बार फिर उच्च न्यायालय पर जाकर टिक गई हैं। बीती 18 नवंबर को न्यायालय के आदेश के बाद नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू किया था, जिसके बाद अतिक्रमण की जद में आए 22 व्यापारियों ने उच्चतम न्यायालय में गुहार लगाई। उच्चतम न्यायालय ने आठ जनवरी तक यथास्थिति बनाए रखने संबंधी आदेश के साथ ही व्यापारियों को उच्च न्यायालय में अपनी बात रखने के निर्देश दिए थे।

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राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कोटद्वार नगर निगम की नजूल भूमि पर हुए अतिक्रमण को लेकर उच्च न्यायालय में एक वाद दायर किया गया था। 18 नवंबर को न्यायालय ने प्रशासन को राष्ट्रीय राजमार्ग से फुटपाथ/बरामदे व निगम की नजूल भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश जारी कर दिए। उच्च न्यायालय की ओर से जारी आदेशों के बाद 16 दिसंबर से प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कवायद शुरू कर दी। इससे पूर्व, प्रशासन ने चिह्नित 137 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर स्वयं अपने अतिक्रमण हटाने को निर्देश दिए। प्रशासन की ओर से शुरू की गई इस कार्रवाई से व्यापारी बौखला गए व अतिक्रमण की जद में आए बाइस व्यापारियों ने उच्चतम न्यायालय में गुहार लगाई।

व्यापारियों का तर्क था कि उच्च न्यायालय ने दायर वाद पर मात्र सरकार का ही पक्ष सुना, जबकि इस निर्णय से प्रभावित होने वाले व्यापारियों की बात नहीं सुनी गई। उच्चतम न्यायालय ने आठ जनवरी तक यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश देते हुए व्यापारियों को उच्च न्यायालय में अपनी बात रखने को कहा। व्यापारी उच्च न्यायालय पहुंचे व उच्च न्यायालय ने भी प्रशासन को आठ जनवरी तक कोई तोड़फोड़ न करने के निर्देश दे दिए। मामले में आठ जनवरी को उच्च न्यायालय व्यापारियों का पक्ष सुनेगा। 35 को जारी किए नोटिस

नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाने को लेकर दिखाई गई सख्ती के बाद पूर्व में चिह्नित 137 अतिक्रमणकारियों में से कइयों ने अपने अतिक्रमण हटा दिए हैं। लेकिन कई ऐसे भी हैं, जिन्हें उच्च न्यायालय से राहत मिलने का इंतजार है। इधर, नगर निगम प्रशासन ने निगम कार्यालय से बेस चिकित्सालय के मध्य 35 नए अतिक्रमण चिह्नित कर नोटिस जारी कर दिए। नगर निगम आयुक्त पीएल शाह ने बताया कि जारी नोटिस के आधार पर नए अतिक्रमणकारियों की इन दिनों सुनवाई की जा रही है। बताया कि अभी तक 29 मामलों में सुनवाई हो चुकी है। शेष छह मामलों में पुन: नोटिस जारी किए जा रहे हैं।


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