श्रीनगर और श्रीकोट से प्रेरणा लेने की जरूरत
कोरोना वायरस महामारी से बचाव में श्रीनगर और श्रीकोट अव्वल हैं।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: कोरोना वायरस महामारी से बचाव में श्रीनगर और श्रीकोट अव्वल हैं। बेस अस्पताल में एक सौ संदिग्ध और 45 कोरोना पॉजिटिव प्रवासियों की धमक के बावजूद स्थानीय लोगों ने इस बीमारी से खुद को बचाए रखा। यह उनकी सजगता ही कही जाएगी, जिससे और शहरों के लोगों को भी प्रेरणा लेने की जरूरत है।
श्रीनगर मेडिकल कालेज के मेडिसन विभाग के अध्यक्ष और कोरोना नोडल अधिकारी प्रोफेसर डॉ. केएस बुटोला ने कहा कि कोरोना अस्पताल घोषित होते ही बेस की व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त कर दी गई थी, जिससे इसके खिलाफ लड़ाई आसान हो गई।
डॉ. बुटोला कहते हैं अनलॉक-2 में बरसात का मौसम है। हर व्यक्ति को खांसी, जुकाम, वायरल फीवर से भी बचना है। बीमारी अभी खत्म नहीं हुई है। चेहरे पर मास्क लगाने के साथ ही शारीरिक दूरी बनाए रखने से कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम में बहुत मदद मिली है, इसे जारी रखना होगा।
श्रीनगर मेडिकल कालेज की कोरोना टीम के सह प्रभारी और ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अर्जुन सिंह का कहना है कि कोरोना से डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। सावधान और सचेत रहना है। नियमों का पालन करना है। शरीर की इम्युनिटी बढ़ाना बहुत जरूरी है।
दस हजार सैंपलों की हो चुकी जांच
मेडिकल कालेज की कोरोना लैब प्रभारी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग की फैकल्टी डॉ. पूजा शर्मा का कहना है कि मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत के प्रयास से बेस अस्पताल में कोरोना लैब स्थापित की गई, जिससे उपचार में मदद मिली। कोरोना लैब में लगभग दस हजार सैंपलों की जांच हो चुकी है। डॉ. पूजा शर्मा ने कहा कि इन जांच में 252 रोगी पॉजिटिव निकले।