Move to Jagran APP

कहीं हलक में फंसी जान, किसी का मेला

जागरण संवाददाता, कोटद्वार : मतदान की तिथि नजदीक आते-आते चुनावी दंगल में उतरे प्रत्याशियों के चेहर

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 07:14 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 07:14 PM (IST)
कहीं हलक में फंसी  जान, किसी का मेला
कहीं हलक में फंसी जान, किसी का मेला

जागरण संवाददाता, कोटद्वार :

loksabha election banner

मतदान की तिथि नजदीक आते-आते चुनावी दंगल में उतरे प्रत्याशियों के चेहरों पर भले ही तनाव नजर आ रहा हो, लेकिन कई ऐसे भी हैं जिनके लिए चुनाव का यह माहौल किसी रोजगार मेले से कम नहीं। दरअसल, चुनावी दंगल में उतरे प्रत्याशी जरूरतमंदों को पैसे देकर अपने प्रचार के लिए क्षेत्र में यहां-वहां भेज रहे हैं। वर्तमान में करीब पांच-छह सौ परिवारों को चूल्हा चुनावी सीजन से जल रहा है।

चुनावी दंगल में उतरे प्रत्याशियों की जन हलक में अटकी हुई है। महापौर हो अथवा पार्षद, प्रत्येक प्रत्याशी येन-केन प्रकारेण इस चुनावी जंग को जीतने के लिए तमाम तरीके अपना रहा है। प्रयास यही है कि किसी भी तरह मतदाताओं के दिलों-दिमाग में उनका चुनाव चिह्न बस जाए। इसी क्रम में प्रत्याशी चुनाव प्रचार के लिए ऐसे जरूरतमंदों को भी क्षेत्र में भेज रहे हैं, जिनकी आर्थिक स्थित काफी कमजोर है। ढाई-तीन सौ रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से इन लोगों की अलग-अलग टोलियां बनाकर उन्हें प्रचार के लिए अलग-अलग जगह भेजा जा रहा है। प्रत्येक टोली में आठ से दस महिला व पुरुष हैं व वापसी के बाद इन्हें धनराशि का भुगतान किया जाता है। कई लोगों ने अपना पूरा परिवार ही प्रचार में लगाया हुआ है।

इतना ही नहीं, हाईकमान की जनसभाओं के साथ ही रोड-शो के दौरान भीड़ दिखाने के लिए भी इन जरूरतमंदों को धनराशि देकर बुलाया जा रहा है। स्पष्ट है कि जिसके साथ जितनी अधिक भीड़, उसका उतना मजबूत दावा। हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि मतदाता पूरी तरह शांत है और किसके पक्ष में मतदान करेगी, इसका आभास किसी को नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.