मनीषा, प्रदीप व अंजना श्रेष्ठ प्रशिक्षु फार्मसिस्ट
संवाद सहयोगी, पौड़ी: जिला चिकित्सालय में डिप्लोमा फार्मसिस्टों के तीन माह की व्यवहारिक प्रशि
संवाद सहयोगी, पौड़ी: जिला चिकित्सालय में डिप्लोमा फार्मसिस्टों के तीन माह की व्यवहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला रविवार को संपन्न हो गई। इसमें प्रशिक्षु फार्मसिस्टों को औषधि, वितरण, भंडारण, मात्रा का उपयोग, दुष्प्रभाव, आपातकालीन चिकित्सा प्रबंधन, इंजेक्शन लगाने की विधियों की बारीकी से जानकारी दी गई। कार्यशाला में प्रशिक्षु की कार्यकुशलता पर श्रेष्ठ प्रशिक्षुओं का चयन भी किया गया।
समापन समारोह में मुख्य फार्मसिस्ट वीपी सती ने किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में औषधि क्रय की नीति को सरल व व्यवहारिक बनाए जाने की आवश्यकता है। भंडारण की उचित व्यवस्था से औषधि का सही उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने प्रशिक्षु फार्मसिस्टों को पहाड़ में सेवा देने के लिए प्रेरित भी किया। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य वीरेंद्र पंवार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2001 से फार्मसिस्ट के पदों पर नियुक्तियां नहीं की है, जिससे चिकित्सालयों में फार्मसिस्ट के पद बड़ी संख्या में रिक्त चल रहे हैं, जिससे सेवारत फार्मसिस्टों का काम का भारी दबाव है। उन्होंने चिकित्सालयों में फार्मसिस्टों की नियुक्ति जल्द किए जाने की मांग की। पीएस रांगड ने कहा कि प्रदेश में फार्मेसी का ढांचा तय नहीं किया गया है। बीएस रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में फार्मसिस्ट ही चिकित्सा सेवा का आधार बने हुए हैं। कार्यक्रम में मनीषा रावत, प्रदीप नेगी व अंजना बिष्ट को श्रेष्ठ प्रशिक्षु फार्मसिस्ट चुना गया। इस अवसर पर आइसी चमोली, पीडी नौटियाल, सीबी बलूनी, हेमंत कुमार, विकास, अंजलि, वर्णिका आदि मौजूद थे।