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चुनाव टलने से लैंसडौन कैंट बोर्ड का कार्यकाल छह माह बढ़ेगा

छावनी परिषद के वार्ड सदस्यों का चुनाव छह माह के लिए टल गया है। ऐसी स्थिति में मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल छह माह और बढ़ेगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 01:18 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 01:18 PM (IST)
चुनाव टलने से लैंसडौन कैंट बोर्ड का कार्यकाल छह माह बढ़ेगा
चुनाव टलने से लैंसडौन कैंट बोर्ड का कार्यकाल छह माह बढ़ेगा

लैंसडौन, अनुज खंडेलवाल। छावनी परिषद के वार्ड सदस्यों का चुनाव छह माह के लिए टल गया है। ऐसी स्थिति में मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल छह माह और बढ़ेगा। दरअसल, उपाध्यक्ष के लिए चुनाव में संशोधन का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय में लंबित है। माना जा रहा है कि चुनाव नियमावली में संशोधन के बाद ही निकट भविष्य में कैंट बोर्ड के चुनाव होंगे। 

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कैंट बोर्ड में मौजूदा निर्वाचित सदस्यों का पांच वर्ष का कार्यकाल इस वर्ष मार्च माह में खत्म हो रहा है। नए बोर्ड गठन के लिए चुनाव करवाने को लेकर रक्षा मंत्रालय की ओर से पूर्व में फरवरी माह में चुनाव करवाने के संकेत दिए गए थे, लेकिन अब तक छावनी परिषद को वार्ड सदस्यों के चुनाव को लेकर कोई भी निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। ऐसे में साफ हो गया है कि मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल छह माह और बढ़ाया जाएगा। मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने के कारण भी गत दिवस हुई वार्ड सदस्यों की बैठक उनके कार्यकाल की अंतिम बैठक के रूप में जनता देख रही थी। ऐसे में चुनाव होने तक संभावना जताई जा रही थी कि बोर्ड का संचालन करने के लिए तदर्थ बोर्ड का भी गठन किया जा सकता है, लेकिन चुनाव को लेकर अभी तक रक्षा मंत्रालय ने तस्वीर साफ नहीं की है। 

पहले भी बढ़ाया गया है बोर्ड का कार्यकाल

ऐसा पहली मर्तबा नहीं है, जब कैंट के चुनाव छह माह के लिए बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी टाले गए हो। इससे पूर्व वर्ष 2007 व 2013 में हुए पूर्व के चुनाव में भी बोर्ड का कार्यकाल छह माह के लिए आगे बढ़ाया जा चुका है। छावनी परिषद के चुनाव टलने का कारण उपाध्यक्ष पद के लिए सीधे चुनाव का होना है। माना जा रहा है कि चुनाव नियमावली में संशोधन के बाद उपाध्यक्ष की शक्तियां बोर्ड में बढ़ाई जा सकती है। अब तक लैंसडौन कैंट में उपाध्यक्ष का चुनाव जनता की ओर से निर्वाचित होकर आए छह सदस्यों की ओर से किया जाता था, लेकिन रक्षा मंत्रालय की ओर से जनता से एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव मांगे थे। जिसमें उपाध्यक्ष का वार्ड सदस्यों की भांति ही चुनाव जनता की ओर से करवाने की पुरजोर वकालत की गई थी। 

ऐसे होता है छावनी परिषद में बोर्ड का गठन 

छावनी परिषद के बोर्ड में कुल 12 सदस्य होते है। जिनमें छह सदस्य जनता की ओर से चुनाव के जरिये चुन कर बोर्ड में आते हैं, जबकि छह मनोनीत किए जाते हैं। छावनी परिषद की ओर से बोर्ड में मनोनीत व पदेन सदस्य 

1-छावनी परिषद के चेयरमेन गढ़वाल राइफल्स के ब्रिगेडियर भी बोर्ड के सदस्य है। 

2- सदस्य सचिव मुख्य अधिशासी अधिकारी कैंट  

3-जिलाधिकारी की ओर से मनोनीत एसडीएम लैंसडौन 

4- सेना के ब्रिगेडियर की ओर से गढ़वाल रेजीमेंट का एक सैन्य अधिकारी

5- मिलेट्री इंजीनियरिंग सर्विस के जीई 

6- मिलेट्री अस्तपाल के एसईएमओ  

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अनिल बौठियाल (कार्यालय अधीक्षक, छावनी परिषद लैंसडौन) का कहना है कि लैंसडौन समेत देश के सभी 62 कैंटों के चुनाव अलग-अलग न होकर एक साथ होते हैं। अभी तक हमें चुनाव को लेकर रक्षा मंत्रालय की ओर से निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। बोर्ड का संचालन करने के लिए छह माह मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। माना जा रहा है की उपाध्यक्ष को लेकर प्रस्तावित संशोधनों के चलते चुनाव में देरी हुई है। 

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