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कालागढ़ बांध प्रशासन ने जारी की चेतावनी

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण रामगंगा बांध का जलस्तर

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 06:23 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 06:23 PM (IST)
कालागढ़ बांध प्रशासन ने जारी की चेतावनी
कालागढ़ बांध प्रशासन ने जारी की चेतावनी

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण रामगंगा बांध का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। मंगलवार को बांध प्रशासन ने बाढ़ चेतावनी जारी करने के साथ ही बांध से पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ा।

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कुमाऊं क्षेत्र में हो रही अत्यधिक बारिश के कारण मंगलवार को कालागढ़ बांध का जलस्तर 363.200 मीटर पर पहुंच गया। इसके साथ ही बांध प्रशासन ने बाढ़ चेतावनी जारी कर दी। साथ ही बांध के स्लिप-वे गेटों को उठाकर पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया। बांध के अधिशासी अभियंता नीरज कुमार त्यागी की ओर से बांध से पानी छोड़ने से पूर्व बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर व फर्रूखाबाद के उच्चाधिकारियों को बाढ़ चेतावनी पत्र भेज दिए थे। पत्र में उक्त जनपदों के उच्चाधिकारियों से रामगंगा नदी से प्रभावित होने वाले आबादी क्षेत्रों में रहने वाले जन समुदाय को संभावित बाढ़ के खतरे से सचेत करने का आग्रह किया गया था। वर्ष 2010 में मचाई थी तबाही

वर्ष 2010 में पर्वतीय क्षेत्रों में हुई भारी बाढ़ के चलते रामगंगा बांध पर खतरा पैदा हो गया। नतीजा, बांध प्रशासन ने कालागढ़ व सैंडल बांध से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा, जिससे उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बाढ़ आ गई। इससे पूर्व, 19 नवंबर 1978, 27 अक्टूबर 1990, 28अक्टूबर 1998 और 12 सितंबर 2000 को भी बांध से एक साथ काफी पानी छोड़ा गया, जिससे उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तबाही मची थी। कालागढ़ विद्युत उत्पादन गृह में उत्पादन हुआ ठप

कालागढ़ पावर हाउस में 1935 क्यूसेक पानी से विद्युत उत्पादन किया जा रहा था। लेकिन, मंगलवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे पावर हाउस की टरबाइन ने कार्य करना बंद कर दिया, जिससे विद्युत उत्पादन ठप हो गया। वर्ष 2010 में भी अचानक बांध की एयरबैंड ट्यूब फट गई थी और विद्युत उत्पादन ठप हो गया था। इस मर्तबा भी टरबाइन धोखा दे गई, जबकि दो अन्य मशीनें पूर्व से ही खराब पड़ी हैं व उनकी मरम्मत नहीं हो पाई है।


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