जीएमओयू ने सौ बसें की सरेंडर
प्रदेश सरकार ने भले ही परिवहन निगम की बसों का संचालन शुरू दिया गया है।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: प्रदेश सरकार ने भले ही परिवहन निगम की बसों का संचालन शुरू दिया हो, लेकिन निजी परिवहन कंपनियां अब भी एक वर्ष का टैक्स माफ करने की मांग को लेकर बसों का संचालन नहीं कर रही। इतना ही नहीं, गढ़वाल में यातायात की रीढ़ कही जाने वाली गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड (जीएमओयू) ने अपनी बसों के कागज परिवहन कार्यालय में जमा करने शुरू कर दिए हैं। पिछले दो दिन में कंपनी सौ बसों के कागज परिवहन कार्यालय में जमा कर बसों को सरेंडर कर चुका है।
एक सप्ताह पूर्व प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम व निजी बसों के किराये में दोगुना बढ़ोत्तरी करने का निर्णय लिया तो आमजन को सड़कों में बसों के दौड़ने की उम्मीद नजर आने लगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जीएमओयू ने न सिर्फ बसों के संचालन से हाथ पीछे खींच लिए, बल्कि किराया बढ़ोत्तरी को आमजन की जेब पर डाका करार दिया। कंपनी का स्पष्ट कहना था कि सरकार एक ओर डीजल-पेट्रोल की टैक्स वाहन स्वामियों से वसूल रही है, वहीं दूसरी ओर वाहनों का एक वर्ष का टैक्स भी माफ नहीं कर रही। एक स्वर में मांग की गई कि यदि सरकार कंपनी का एक वर्ष का टैक्स माफ कर देती है तो कंपनी वाहनों का संचालन शुरू कर देगी।
प्रदेश सरकार ने निजी परिवहन कंपनियों की इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया व गुरुवार से परिवहन निगम की बसों का संचालन शुरू कर दिया है। इधर, सरकार की उपेक्षा से खिन्न निजी परिवहन कंपनियों ने अपने वाहनों को सरेंडर करते हुए कागजात परिवहन कार्यालय में जमा करवाने शुरू कर दिए हैं। जीएमओयू अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने बताया कि जीएमओयू ने पिछले दो दिन में सौ बसों को सरेंडर कर दिया है। उन्होंने बताया कि गढ़वाल व कुमाऊं मंडलों में अन्य निजी परिवहन संस्थाएं भी अपने वाहनों को सरेंडर कर रही हैं। बताया कि तीस जून तक कंपनी अपने सभी 450 वाहनों को सरेंडर कर देगी।