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लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देने में जुटा गढ़वाल विवि

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: समाज से जुड़े सीधे विषयों पर शोध कार्यों को बढ़ावा देने के साथ ही गढ

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 11:36 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 11:36 PM (IST)
लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देने में जुटा गढ़वाल विवि

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: समाज से जुड़े सीधे विषयों पर शोध कार्यों को बढ़ावा देने के साथ ही गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देते हुए इसे अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल कर लिया है। इसके लिए विवि की ओर से विभिन्न कार्ययोजनाएं अमल में लाई जा रही हैं। इसी कार्ययोजना के तहत गढ़वाल केंद्रीय विवि मंदिरों में श्रद्धालुओं की ओर से चढ़ाए जाने वाले फूलों को लेकर स्थानीय महिलाओं को उनसे धूप और अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण भी देगा। जिसके लिए सीएसआइआर की पालमपुर हिमाचल शाखा से गढ़वाल केंद्रीय विवि का एमओयू भी हो चुका है। गढ़वाल केंद्रीय विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने बताया कि इस कार्ययोजना के पहले चरण में कमलेश्वर महादेव मंदिर, सिद्धपीठ धारी देवी मंदिर के साथ ही अन्य स्थानीय मंदिरों को शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विवेकानंद पर्यटन परिपथ के बाद अब विवि का पर्यटन विभाग प्रदेश सरकार के सहयोग से गांधी पर्यटन परिपथ, पांडव परिपथ और बौद्ध पर्यटन परिपथ पर भी कार्य करने जा रहा है। इन परिपथों को लेकर देश विदेश से आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों से स्थानीय जनता की आय भी बढ़ेगी। उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित 192 पुराने ऐतिहासिक फोर्ट पर साउंड, लाइट और लेजर व्यवस्था कर पर्यटकों को आकर्षित करने का प्रस्ताव भी गढ़वाल विवि प्रदेश सरकार को भेज रहा है।

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कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर को देखते हुए विश्वविद्यालय खोलने के मामले में विवि प्रशासन चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है। पीजी कक्षाओं के प्रैक्टीकल से सम्बन्धित विषयों के छात्रों के लिए लैब और कक्षाएं एक मार्च से खोली जा रही हैं। शोध छात्रों के लिए लैब खुल चुकी हैं। स्नातक और पीजी के अन्य विषयों की कक्षाएं पूर्ववत की भांति ऑनलाइन ही चलेगी। बीते अगस्त में शुरू हो चुके द्वितीय, पंचम, सप्तम सेमेस्टर की परीक्षाएं आगामी मार्च महीने में कराई जाएंगी। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या अपेक्षाकृत कम भी देखी जा रही है। इस दौरान कुलसचिव डॉ. अजय कुमार खंडूड़ी, परीक्षा नियंत्रक प्रो. अरुण रावत, उपकुलसचिव डॉ. संजय ध्यानी, पीआरओ आशुतोष बहुगुणा भी मौजूद रहे।


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