खतरे में परिवार, सिस्टम लापरवाह
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: जिस सुखरो व खोह ने नदी तट पर रहने वालों की आज तक जान नहीं ली, वहां लोगों
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: जिस सुखरो व खोह ने नदी तट पर रहने वालों की आज तक जान नहीं ली, वहां लोगों को बचाने के लिए रिवर ट्रेनिग और जिस पनियाली गदेरे ने पिछले तीन साल से कहर बरपाया हुआ है, वहां लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया। पनियाली गदेरे के तट में बसी आम जनता की सुरक्षा को लेकर सिस्टम किस कदर चौकस है, काशीरामपुर के मोहल्ला शिवालिक नगर में यह देखा जा सकता है। यहां सिचाई विभाग ने छह परिवारों की जिदगी को खतरे में डाल दिया है। बरसात सिर पर है, लेकिन आज तक महकमे ने इन घरों के सामने सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं करवाया है।
बरसात सिर पर है और पिछले तीन वर्षों से पनियाली गदेरे का रौद्र रुप देख रहे गदेरे से सटे क्षेत्रों के वाशिदे भय में हैं, हालांकि प्रशासन का तर्क है कि गदेरे के दोनों तटों पर बाढ़ सुरक्षा दीवार का निर्माण किया गया है, लेकिन कई स्थानों पर आज भी सुरक्षा दीवार नहीं बन पाई है। काशीरामपुर क्षेत्र के अंतर्गत मोहल्ला शिवालिक नगर में छह परिवार डर के साए में जी रहे हैं। पनियाली गदेरे से सटे इन परिवारों के घर के आगे सुरक्षा दीवार नहीं बनाई गई है। इतना ही नहीं, इन मकानों के ठीक सामने गदेरे के दूसरी सुरक्षा दीवार के एक हिस्से को इस तरह बाहर निकाला गया है, ताकि गदेरे का पानी इनके घर की ओर आए। यूं लगता है सिचाई विभाग जानबूझ कर इन मकानों को बाढ़ की भेंट चढ़ाना चाह रहा हो। सुरक्षा दीवार निर्माण के दौरान सिचाई विभाग ने सरकारी भूमि पर चहेतों के कब्जे करवा दिए। हालत यह है कि सरकारी भूमि पर चहेतों का कब्जा करवाने के लिए महकमे ने गदेरे का आकार की सिकोड़ दिया। नतीजा, गदेरे से तबाही का खतरा और अधिक बढ़ रहा है। अधिशासी अभियंता, सिचाई विभाग, दुगड्डा खंड सुधीर मैठाणी का कहना है कि मामला जानकारी में नहीं है। जल्द ही संबंधित अवर अभियंता से स्थलीय निरीक्षण करवा कर परिवारों की सुरक्षा को पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे।
संदेश : 22 कोटपी 3
कोटद्वार में पनियाली गदेरे के तट पर बने मकान, जिनके आगे सुरक्षा दीवार नहीं बनाई गई है। जागरण