कोटद्वार में करंट लगने से हुई हाथी की मौत, जानिए
लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज के अंतर्गत झंडीचोड़ गांव में जंगल से लगी बंजर भूमि पर एक नर हाथी का शव मिला है।
कोटद्वार, जेएनएन। कोटद्वार-भाबर क्षेत्र के अंतर्गत झंडीचौड़ पूर्वी में करंट की चपेट में आने से एक नर हाथी की मौत हो गई। हालांकि, मौके पर वन विभाग को कोई विद्युत तार नहीं मिली। लेकिन, माना जा रहा है कि हाथी की मौत के बाद संभवत: तार को हटा दिया गया होगा। विभाग ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को दफना दिया। उधर, मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
मंगलवार सुबह करीब आठ बजे लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज को झंडीचौड़ पूर्वी में बंजर भूमि पर हाथी का शव पड़े होने की सूचना मिली। इसके बाद वन क्षेत्राधिकारी बीबी शर्मा मय टीम मौके पर पहुंचे और मामले में छानबीन शुरू कर दी। करीब 30-वर्षीय इस नर हाथी के दोनों दांत सुरक्षित पाए गए। हाथी की सूंड पर जले हुए का निशान था, जिससे आशंका जताई गई कि हाथी की मौत करंट लगने से हुई। बाद में प्रभागीय वनाधिकारी अखिलेश तिवारी व उप प्रभागीय वनाधिकारी जीएस बेलवाल भी मौके पर पहुंचे और पशु चिकित्सकों की दो-सदस्यीय टीम से हाथी का पोस्टमार्टम करवाया।
प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि हाथी की मौत करंट लगने से हुई। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी। बताया कि कई मर्तबा काश्तकार जंगली जानवरों को खेतों से दूर रखने के लिए खेत की सीमा पर करंट छोड़ देते हैं। ऐसा करना सरासर अपराध है। बताया कि मामले में अज्ञात के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
फसल को पहुंचाया था नुकसान
मंगलवार सुबह जिस नर हाथी का शव वन विभाग ने बंजर खेत से बरामद किया, वह बिजनौर वन प्रभाग के जंगल से खेतों की ओर आया था। बताया जा रहा कि रात में इस हाथी ने कुछ काश्तकारों के खेतों में फसल भी नष्ट की। खेतों से जंगल की ओर लौटते हुए हाथी को करंट लगा, जिससे उसकी मौत हो गई।
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