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गोबर के दीपक से 'रोशन' हुआ भविष्य

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कहते हैं कि अगर दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो मिट्टी को भी सोना बनाया ज

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 07:30 AM (IST)
गोबर के दीपक से 'रोशन' हुआ भविष्य
गोबर के दीपक से 'रोशन' हुआ भविष्य

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कहते हैं कि अगर दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो मिट्टी को भी सोना बनाया जा सकता है। विजेंद्र, संदीप, संतोष और मनीष ऐसे चार युवा हैं, जिनकी रोजी-रोटी कोरोना की भेंट चढ़ गई। बावजूद इसके इन युवाओं ने हिम्मत नहीं हारी और गांव में निष्प्रयोज्य पड़े गोबर के ढेरों में अपनी आर्थिकी का जरिया तलाश लिया। आज चारों युवा गोबर के दीपक बनाकर अपनी आर्थिकी मजबूत कर रहे हैं।

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प्रखंड द्वारीखाल की बड़ी ग्राम सभाओं में शामिल है ग्रामसभा बमोली। करीब सौ परिवारों वाले इस गांव की आबादी 1200 से अधिक है। ग्राम बमोली निवासी विजेंद्र रावत लॉकडाउन से पूर्व हरिद्वार में, संदीप हिमाचल प्रदेश में नौकरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। वहीं मनीष और संतोष दिल्ली में नौकरी करते थे। लॉकडाउन हुआ तो चारों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया और चारों घर वापस लौट आए। खेती-बाड़ी का अनुभव नहीं था, इस कारण खेती में भविष्य तलाशने की जरूरत महसूस नहीं की। लेकिन, गांव में रोजगार का प्रबंध करना इन युवाओं के लिए बड़ी चुनौती बन गई।

ऐसे में सतपुली निवासी नीलम सिंह नेगी 'नीलकंठ' इन युवाओं के लिए उम्मीद की नई किरणें लेकर आई। ग्राम प्रधान विनीता रावत के सहयोग से इन युवाओं ने नीलम सिंह नेगी से गोबर से दीपक बनाने का प्रशिक्षण लिया और गांव में ही दीपक तैयार करने शुरू कर दिए। ग्राम प्रधान विनीता बताती हैं, सौ परिवारों वाली इस ग्रामसभा में प्रत्येक घर में दो-तीन गाय हैं, ऐसे में गांव में गोबर की कोई कमी नहीं है। बताया कि इन दिनों नीलम सिंह नेगी की ओर से ही इन युवकों को दीपक बनाने के ऑर्डर दिए गए हैं। चारों युवक उन्हें ही गोबर के दीपक बनाकर सप्लाई कर रहे हैं। बताया कि अब कोटद्वार से भी दीपक के ऑर्डर आ रहे हैं। उन्हें दीये बनाते हुए मात्र एक सप्ताह हुए हैं और वो दो हजार दीयों की सप्लाई कर चुके हैं। जबकि, तीन हजार दीये अगले एक-दो दिनों में भेज दिए जाएंगे।

अन्य ग्रामीण भी हो रहे उत्साहित

द्वारीखाल प्रखंड के ग्राम बमोली में इन दिनों गोबर से दीये बनाने को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है। हालात यह हैं कि पूरे दिन चारों युवक गोबर से दीये बनाते हैं और रात में अन्य ग्रामीण इनसे दीये बनाने की डाई लेकर अपने घरों में दीये बनाते हैं। ग्राम प्रधान ने बताया कि वर्तमान में दीये बनाने के लिए छह डाई का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन, जिस तरह अन्य ग्रामीण भी दीये बनाने में दिलचस्पी ले रहे हैं, अतिरिक्त डाई का प्रबंध किया जा रहा है।

संदेश : 25 कोटपी 1

प्रखंड द्वारीखाल में गोबर के दिए बनाते युवा

25 कोटपी 2

प्रखंड द्वारीखाल के अंतर्गत ग्राम बमोली में युवाओं द्वारा गोबर से बनाया गए दिए


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