पहाड़ में ही खोलें ढोल सागर का प्रशिक्षण केंद्र
जागरण संवाददाता पौड़ी मकरैंण मेला समिति घुसगलीखाल के संयोजक आचार्य अनुसूया प्रसाद सुंद्रिया
जागरण संवाददाता, पौड़ी: मकरैंण मेला समिति घुसगलीखाल के संयोजक आचार्य अनुसूया प्रसाद सुंद्रियाल ने कहा कि संस्कृति विभाग के तत्वाधान में आगामी मार्च माह में ढोल-दमाऊं की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित हो रही है। इसके लिए जल्दी ही निदेशालय की ओर से स्थान का चयन भी कर लिया जाएगा। उन्होने पहाड़ी क्षेत्र में ढोल-दमाऊं, मशकबीन को संरक्षित करने के लिए ढोल सागर प्रशिक्षण केंद्र खोलने की मांग भी की।
माल रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में आचार्य अनुसूया प्रसाद सुंद्रियाल ने कहा कि घुसगली में आयोजित मकरैण मेला इस बार काफी भव्य रहा। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के 27 गांवों के लोग ध्वज के साथ मंदिर में पहुंचे। कहा कि घुसगलीखाल में जनवरी 2000 में सबसे पहले ढोल सागर का आयोजन किया गया। तब से ढोल-दमाऊं को संरक्षित करने की दिशा में नियमित यह आयोजन किया जा रहा है। कहा कि लोक संस्कृति का द्योतक पारंपरिक वादय यंत्र ढोल दमाऊं की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित करने के पीछे की मंशा इन्हें संरक्षित किया जाना है। आयोजन में राज्य के विभिन्न जनपदों के ढोल-दमाऊं वादक शामिल होंगे। आचार्य ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में ढोल सागर प्रशिक्षण केंद्र खुले तो यहां ढोल सागर को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना सरकार की एक उपलब्धि होगी। मकरैंण मेले के सचिव कमल रावत ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों से मौजूदा समय में ढोल-दमाऊं काफी सिमट से रहे हैं ऐसे में सरकार की ओर से यहां ढोल सागर प्रशिक्षण केंद्र खोला जाता है तो पहाड़ की संस्कृति से जुड़ा यह वादय यंत्र अपनी पहचान दूर देशों में भी बना सकता है।
फोटो-21पीएयूपी-3