दैनिक जागरण के कार्यक्रम में बोले तीरथ सिंह रावत, टूटने नहीं दूंगा जनता का विश्वास
गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने दैनिक जागरण के प्रयास को सराहा। उन्होंने कहा कि जागरण ने हमारे सामने उन सभी प्रमुख मुद्दों को रखा है जो जनता से जुड़े हैं।
देहरादून, जेएनएन। लोकसभा चुनाव के दौरान 'दैनिक जागरण' की ओर से गढ़वाल संसदीय क्षेत्र की जनता से हुई बातचीत के उपरांत संसदीय क्षेत्रों की विभिन्न मांगों को लेकर तैयार किया गया मांगपत्र गढ़वाल संसदीय सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत को सौंपा गया। कोटद्वार के एंबियंस गार्डन में आयोजित समारोह में क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में 'जागरण' ने यह मांग पत्र सांसद को सौंपा। सांसद तीरथ सिंह रावत ने स्पष्ट किया कि गढ़वाल संसदीय क्षेत्र की जनता ने जिस विश्वास के साथ उन्हें संसद तक पहुंचाया है, वह जनता का विश्वास किसी कीमत पर नहीं टूटने देंगे।
मांगपत्र का अध्ययन करने के बाद सांसद रावत ने कहा कि प्रदेश में वन को विकास में बाधा तो कहा जा रहा है, लेकिन वनों के बढ़ने का मुख्य कारण वे बंजर खेत हैं, जो नए वनों का आकार ले रहे हैं और खेती छोड़ने के कारण ही जंगली जानवर गांव में घुस रहे हैं। कहा कि वनों के कटान के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक जल स्रोत भी सूख रहे हैं, जिससे जहां पहाड़ों में पेयजल किल्लत बढ़ रही है, वहीं कंक्रीट का जंगल बढऩे से वातावरण भी तेजी से बदल रहा है।
उन्होंने प्रदेश की अफसरशाही को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य के अधिकारियों को अपनी उत्तर प्रदेश की मानसिकता बदलनी होगी। कहा कि उत्तर प्रदेश के मुकाबले उत्तराखंड में भ्रष्टाचार की जड़ें अधिक गहरी हैं। विकास कार्यों में पुनर्मूल्यांकन की परंपरा इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास के दृष्टिगत हमें स्वयं की मानसिकता बदलनी होगी और जब हम बदलेंगे, तभी देश-प्रदेश बदलेगा।
इस तरह बना मांगपत्र
दैनिक जागरण टीम ने लोकसभा चुनाव के दौरान गढ़वाल संसदीय सीट में चौपाल, बस में मतदाताओं के साथ सफर, नुक्कड़ों में मतदाताओं से परिचर्चा करने के बाद राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय और स्थानीय मुद्दों को लेकर मांग पत्र तैयार किया। एंबियंस गार्डन में दैनिक जागरण की देहरादून यूनिट के महाप्रबंधक अनुराग गुप्ता और राज्य संपादक कुशल कोठियाल ने यह मांग पत्र सांसद तीरथ सिंह रावत को सौंपा।
मांग पत्र में शामिल मुद्दे
राष्ट्रीय मुद्दे
1. वन और जन
2. संरक्षित क्षेत्र
3. पलायन की पीड़ा
राज्यस्तरीय मुद्दे
1. कंडी रोड
2. वन ग्राम
3. मंडल मुख्यालय
स्थानीय मुद्दे
1. पेयजल योजना
2. ट्रेंचिंग ग्राउंड
3. सैनिक स्कूल
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