महापौर के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी
नगर निगम की ओर से व्यावसायिक भवनों व खाली भूखंडों से कर वसूलने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। महापौर इसके पीछे का कारण राज्य सरकार की ओर से टैक्स वसूलना बताकर खुद जागरूकता यात्रा निकाल रही हैं।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार:
नगर निगम की ओर से व्यावसायिक भवनों व खाली भूखंडों से कर वसूलने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। महापौर इसके पीछे का कारण राज्य सरकार की ओर से टैक्स वसूलना बताकर खुद जागरूकता यात्रा निकाल रही हैं। वहीं, अब भाजपा पार्षदों ने भी महापौर के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी शुरू दी है।
व्यावसायिक भवनों से संपत्ति कर वसूलने का प्रस्ताव निगम की बीती पच्चीस फरवरी की बोर्ड बैठक में पास किया गया था। नगर निगम की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर आमजन से आपत्तियां भी मांगी गई। 23 नवंबर तक क्षेत्रीय जन को संपत्ति कर को लेकर सुझाव/आपत्ति नगर निगम कार्यालय में दर्ज करवानी है। अभी तक नगर निगम में इस कर विरोध में करीब तीन हजार आपत्तियां दर्ज हो चुकी हैं। महापौर हेमलता नेगी व पूर्व काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी पिछले कई दिनों से प्रत्येक वार्ड में पहुंच आमजन को आपत्तियां दर्ज करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। साथ ही प्रदेश सरकार पर कारोनाकाल में कोटद्वार क्षेत्र की जनता को कर के बोझ तले दबाने का भी आरोप लगाया जा रहा है।
इस बीच भाजपा पार्षद सौरभ नौडियाल ने महापौर की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सौरभ का कहना है कि बोर्ड बैठक के प्रस्ताव संख्या तीन में बोर्ड ने नगर निगम में शामिल हुए क्षेत्रों में गैर आवासीय संपत्तियों पर गृह कर लगाने की स्वीकृति प्रदान की थी। जिस पर भाजपा पार्षदों ने इस बैठक का बहिष्कार किया था। कहा कि स्वयं प्रस्ताव पास करने के बाद अब महापौर आम जनता को गुमराह कर रही हैं। उन्होंने महापौर के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही। जनता को गुमराह कर रही कांग्रेस
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह बिष्ट ने प्रदेश सरकार की ओर से दस वर्षों तक नवगठित नगर निकायों से कर न वसूलने का निर्णय लिया गया है। कहा कि कोटद्वार नगर निगम में महापौर हेमलता नेगी बोर्ड बैठक में कर लिए जाने संबंधी प्रस्ताव को पारित करवाने के बाद अब जनता को भ्रमित कर रही हैं।